Bihar Crime:एसपी के सरकारी नंबर से लोगों को डरा-धमकाकर वसूली, साइबर ठगी का ये मामला जानकर हैरान हो जाएंगे आप

Bihar Crime:साइबर ठगों ने जिले के पुलिस अधीक्षक के सरकारी नंबर का इस्तेमाल कर लोगों से ठगी की।

Bihar Crime:एसपी के सरकारी नंबर से लोगों को डरा-धमकाकर वसूली
एसपी के सरकारी नंबर से लोगों को डरा-धमकाकर वसूली- फोटो : social Media

Bihar Crime:साइबर अपराध का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। बिहार के अररिया जिले में साइबर ठगों ने जिले के पुलिस अधीक्षक के सरकारी नंबर का इस्तेमाल कर लोगों से ठगी की। यह गिरोह मोबाइल एप के जरिए कॉल करने पर रिसीवर के फोन पर एसपी का नंबर दिखाता था, जिससे लोग आसानी से जाल में फंस जाते थे।

साइबर थाना पुलिस ने इस मामले में ताराबाड़ी थाना क्षेत्र से दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मो. अशरफ अली और मो. इमरोज आलम के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि ये दोनों अपराधी लंबे समय से इस तरह की ठगी को अंजाम दे रहे थे।

मामला तब उजागर हुआ जब ताराबाड़ी के बटुरबाड़ी वार्ड नंबर 9 निवासी मो. ताहा ने शिकायत दर्ज कराई। उनके अनुसार, 13 और 14 जून को उनके एचडीएफसी और यूनियन बैंक खातों से सिम पोर्टिंग के जरिए 74 हजार रुपये निकाल लिए गए। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए साइबर थाना ने जांच शुरू की।

साइबर डीएसपी रजिया सुल्ताना के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने तकनीकी जांच कर आरोपियों तक पहुंच बनाई। पूछताछ में आरोपी अशरफ अली ने स्वीकार किया कि वे एक फर्जी एप की मदद से एसपी का नंबर दिखाकर कॉल करते थे। वे पहले उन लोगों की तलाश करते थे, जिनके खिलाफ कोई केस दर्ज हो। फिर खुद को एसपी बताकर फोन करते और “केस से नाम हटाने” के नाम पर पैसों की मांग करते थे। डर के माहौल में कई लोग इनके झांसे में आ जाते थे।

यह गिरोह न केवल फर्जी कॉल से लोगों को धमकाकर पैसे ऐंठता था, बल्कि सिम पोर्टिंग तकनीक का इस्तेमाल कर बैंक खातों से सीधे रकम भी निकालता था। यही तरीका अपनाकर मो. ताहा से 74 हजार रुपये की ठगी की गई थी।

गिरफ्तार दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। साइबर डीएसपी रजिया सुल्ताना ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसे कॉल से सावधान रहें। उन्होंने कहा  कि पुलिस कभी फोन पर पैसे की मांग नहीं करती।अगर कोई खुद को अधिकारी बताकर केस या गिरफ्तारी के नाम पर पैसे मांगे तो तुरंत इसकी सूचना नजदीकी थाने या साइबर थाना को दें।अज्ञात कॉल और संदेशों से सतर्क रहें और किसी भी स्थिति में बैंक डिटेल या पैसे साझा न करें।