Bihar Crime: बिहार में पुलिस पर फिर हमला,तस्करों ने दारोगा का रिवॉल्वर और मोबाइल लूटा, कई पुलिसकर्मी लहूलुहान

छापेमारी के दौरान बिहार और यूपी की पुलिस टीम पर तस्करों व उनके गुर्गों ने बेरहमी से हमला कर दिया। लाठी-डंडों से लैस भीड़ ने पुलिसवालों को घेरकर पीटा और दारोगा का सर्विस रिवॉल्वर व मोबाइल तक लूट लिया।...

Smugglers Attack Police
पुलिस पर फिर हमला,तस्करों ने दारोगा का रिवॉल्वर और मोबाइल लूटा- फोटो : social Media

Bihar Crime: बिहार में पुलिस पर हमला रुक नहीं रहा है। बेलगाम अपराधी खाकी पर जानलेवा हमला करने में डर नहीं रहे वरन अब तो उनका हथियार भी छीनने लगे हैं. ताजा मामला पश्चिमी चंपारण से हैं। बेतिया ज़िले के धनहा थाना क्षेत्र का दहवा गांव रणक्षेत्र बन गया। पशु तस्करी के खिलाफ हुई संयुक्त छापेमारी के दौरान बिहार और उत्तर प्रदेश की पुलिस टीम पर तस्करों व उनके गुर्गों ने बेरहमी से हमला कर दिया। लाठी-डंडों से लैस भीड़ ने पुलिसवालों को घेरकर पीटा और धनहा थाना के दारोगा प्रमोद कुमार का सर्विस रिवॉल्वर व मोबाइल तक लूट लिया।

सूत्रों के मुताबिक़, यूपी के कुशीनगर पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि दहवा गांव से बड़े पैमाने पर पशु यूपी भेजे जा रहे हैं। इस सूचना पर पडरौना कोतवाली पुलिस ने बिहार के धनहा थाना से सहयोग मांगा और संयुक्त टीम बनाकर रुस्तम अंसारी के घर पर छापा मारा। लेकिन कार्रवाई शुरू होते ही हालात बिगड़ गए। रुस्तम अंसारी, उसके परिजन और गुर्गे अचानक पुलिस पर हमलावर हो गए।

हमले में दारोगा प्रमोद कुमार बुरी तरह घायल हो गए। उनके सिर और हाथ पर गंभीर चोटें आईं, कान से ख़ून बहने लगा। किसी तरह उन्हें दहवा सीएचसी लाया गया, जहां डॉक्टर कृष्ण कुमार ने प्राथमिक उपचार किया और हालत नाज़ुक देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया। डॉक्टर ने पुष्टि की कि दारोगा के सिर पर गहरी चोट है और कान से लगातार ब्लीडिंग हो रही थी।

यूपी पुलिस टीम भी इस हमले में बच न सकी। पडरौना कोतवाली के दारोगा समेत दो सिपाही घायल हो गए। उन्हें भी उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया।

हमले के दौरान दहशत फैल गई। पुलिसकर्मी जान बचाने में लगे रहे और तस्करों ने मौक़ा पाकर हथियार और मोबाइल तक छीन लिया। रातभर इलाके में तनाव का माहौल रहा।

थानाध्यक्ष महेंद्र कुमार के अनुसार, हमले में आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। मुख्य आरोपितों की तलाश में लगातार छापेमारी जारी है।

दहवा गांव की यह वारदात न सिर्फ पशु तस्करी के गहरे नेटवर्क को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि अपराधी अब पुलिस पर भी संगठित होकर हमला करने से पीछे नहीं हटते। बिहार-यूपी सीमा पर तस्करी और अपराध के इस गठजोड़ ने पुलिस-प्रशासन के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है।