PATNA: बिहार में बालू माफियाओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई लगातार जारी है. बालू के अवैध खनन में शामिल दो कंपनी के निदेशकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है. इन कंपनियों ने बालू का अवैध खनन कर सरकार को सैकड़ों करोड़ रू के राजस्व का चूना लगाया है. बिहार सरकार ने बालू माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए आर्थिक अपराध इकाई (EOU) को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी. इसके बाद ईडी की इंट्री होती है. बालू के खनन में सबसे बदनाम नाम है ब्रॉडसन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी. ईडी ने इस कंपनी के निदेशकों को जेल भेजा. अब तो इस कंपनी के दो निदेशकों की संपत्ति को ईडी ने जब्त भी कर लिया है. प्रवर्तन निदेशालय ने जांच में पाया है कि ब्रॉडसन कंपनी ने राज्य सरकार को 210 करोड़ से अधिक राजस्व का नुकसान पहुंचाया है. बता दें, 2022 से अब तक कई जिलों में बालू माफियाओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. लेकिन सिर्फ केस दर्ज करने तक ही मामला अटका पड़ा है.
राजस्व चोरी करने वाली कंपनी से कब होगी वसूली ?
हाल ही में ब्राडसन कंपनी के पूर्व निदेशक पुंज सिंह को भी ईडी ने गिरफ्तार किया है. पुंज की गिरफ्तारी के बाद ईडी की नजर सिंडिकेट से जुड़े दूसरे लोगों पर भी है. ईडी ने कई जिलों के डीएम से बालू माफियाओं की लिस्ट मांगी है. वैसे सिर्फ ब्रॉडसन ही बालू के अवैध खेल में शामिल नहीं है, बल्कि कई ऐसे जिले हैं, जहां छोटे-छोटे बालू माफियाओं ने सरकार को करोड़ों का चूना लगाया है. कई मामलों में तो खनन विभाग ने करोड़ों के राजस्व चोरी का केस थाने में दर्ज कराया है. हालांकि राजस्व चोरी का केस दर्ज कराकर खनन विभाग चुप बैठ गया है. गया जिले में 2022 में बालू खनन के एक बड़े मामले का खुलासा हुआ था.एसडीपीओ के नेतृत्व में छापेमारी भी हुई थी. ठेकेदार के खिलाफ 6 करोड़ के राजस्व चोरी का मुकदमा भी दर्ज हुआ। खनन विभाग केस दर्ज कर चुप बैठ गया, वहीं पुलिस भी शांत बैठी रही.
खनन विभाग ने 2022 में बेलागंज थाने में बालू माफिया के खिलाफ दर्ज कराया था केस
गया के खनिज विकास पदाधिकारी ने 4 मार्च 2022 को बालू की अवैध खनन से संबंधित केस बेलागंज थाना में दर्ज कराया था. जिसमें आरोप लगाया गया था कि बालू माफियाओं ने लगभग 6 करोड रुपए की बालू की अवैध निकासी कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाया है. गया के खनिज विकास अधिकारी विकास कुमार पासवान इस संबंध में बेलागंज थाने में केस दर्ज करने को लेकर आवेदन दिया था. आवेदन में कहा था कि 3 मार्च 2022 को सूचना के आधार पर श्रीपुर बालू घाट क्लस्टर संख्या (21) एवं आसपास के क्षेत्र में बालू के अवैध खनन-परिवहन की सूचना पर एसडीपीओ गया सदर, खान निरीक्षक एवं सशस्त्र बल के साथ संयुक्त रूप से जांच की गई थी. जांच दल को देखते हैं बालू घाट पर मौजूद खनन माफिया काम छोड़कर भागने लगे थे. वहां जाने पर पाया गया कि बालू का अवैध उत्खनन किया गया है. जिसकी लंबाई लगभग 700 फीट, चौड़ाई 315 फीट एवं गहराई 5 फीट है. कुल 11 लाख 2500 घन फिट में बालू का अवैध खनन किया गया है. जांच में यह भी पाया गया कि संवेदक ने अपने निर्धारित क्षेत्र से बाहर जाकर बेलागंज खिजरसराय पुल से 318 मीटर की दूरी तक खनन कार्य किया है, जबकि पुल से न्यूनतम 500 मीटर की दूरी तक में ही बालू का खनन किए जाने का प्रावधान है. श्रीपुर बालू घाट का संचालन विजय कुमार प्रोपराइटर मेसर्स विजय कंस्ट्रक्शन चाणक्यपुरी कॉलोनी गया के द्वारा किया जा रहा है,यह क्लस्टर संख्या 21 के संवेदक हैं. अवैध रूप से बालू की निकासी किए जाने से सरकार को 5 करोड़ 87 लाख 33125 रू राजस्व की क्षति हुई है. माफियाओं ने जो सरकारी राजस्व की क्षति की है उसे वसूल की जानी है. ऐसे में उनके खिलाफ प्राथमिक की दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करें. खनन विकास पदाधिकारी गया के पत्र के आधार पर बेलागंज पुलिस ने विभिन्न धाराओं में आरोपी ठेकेदार विजय कुमार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया. इधर, केस दर्ज कराने के बाद खनन विभाग के अधिकारी और पुलिस भी शांत बैठ गई. लिहाजा दबते दिख रहा है. चूंकि बिहार में बालू खनन में चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर आर्थिक अपराध इकाई सक्रिय है. बालू के अवैध खनन में शामिल दो बड़ी कंपनी का मामला ईडी को दिया गया है. अब देखने वाली बात होगी...गया के बेलागंज थाने में लगभग 6 करोड़ के बालू बेचकर राजस्व चोरी करने के मामले समेत इस तरह के अन्य केसों में ईओयू की इंट्री कब तक होती है .
जानकारी के अनुसार पहले चरण में 13 जिलों के 55 कारोबारी पर शिकंजा करने का प्लान तैयार किया गया है. आर्थिक अपराधी इकाई सभी 13 जिलों के 55 बालू माफियाओं पर कार्रवाई के मूड में है. संबंधित जिलों से इन माफियाओं के बारे में रिपोर्ट मांगी गयी है. आर्थिक अपराध इकाई ने जो सूची तैयार की है उसमें पटना जिला के 13 बालू माफिया हैं जबकि भोजपुर जिले के 9 बालू माफिया, औरंगाबाद के 9, सारण के 8, रोहतास के 8, गया-3 और बांका के 3 बालू माफियाओं के नाम हैं.