UP NEWS: अब हाईटेक और टाउनशिप परियोजनाओं में भी देना होगा गृहकर, जल और सीवर टैक्स

UP NEWS: अब हाईटेक और टाउनशिप परियोजनाओं में भी देना होगा गृ

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में रहने वाले लोगों के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब हाईटेक, इंटीग्रेटेड और नई टाउनशिप नीति के तहत विकसित आवासीय परियोजनाओं के निवासियों को भी नगर निगम या नगरपालिका को संपत्ति कर (गृहकर), जल कर और सीवर कर चुकाना होगा।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत अब स्थानीय निकायों—जैसे नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत—को इन परियोजनाओं में रहने वालों से संपत्तिकर वसूलने का अधिकार मिल गया है।


अब ये टैक्स वहीं वसूले जाएंगे जहाँ बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क, पानी, सीवर, सफाई आदि उपलब्ध होंगी। खास बात यह है कि अब इन आवासीय कॉलोनियों के डेवलपर्स (विकासकर्ता) किसी भी निवासी से अनुरक्षण शुल्क नहीं ले सकेंगे। पहले इन परियोजनाओं में अनुरक्षण के नाम पर डेवलपर पैसा लेते थे, लेकिन असल में देखभाल और रखरखाव का काम ठीक से नहीं किया जाता था।

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वर्ष 2005 और 2014 में तत्कालीन सपा सरकार के समय लागू की गई नीतियों के अनुसार, डेवलपर्स को अनुरक्षण शुल्क वसूलने की छूट दी गई थी, जिससे नगर निगम वहां टैक्स नहीं वसूल पाता था। इसी वजह से कई बार मूलभूत सेवाएं भी प्रभावित हो रही थीं।


लखनऊ नगर निगम ने इस मामले में एक होटल को टैक्स का नोटिस भेजा था, जो कोर्ट तक पहुंच गया। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस पर फैसला लेने को कहा, जिसके बाद अब यह स्पष्ट कर दिया गया है कि स्थानीय निकायों को टैक्स वसूलने का पूरा अधिकार है।


नई व्यवस्था में अब हाईटेक, इंटीग्रेटेड और 2023 में लागू की गई उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति के अंतर्गत आने वाली सभी आवासीय परियोजनाओं में रह रहे लोग, जो अब तक अनुरक्षण शुल्क देते थे, उन्हें सीधे नगर निकायों को टैक्स देना होगा। इसके साथ ही, स्थानीय निकायों को भी इन इलाकों में पूरी सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी।