BIG BREAKING:BUHS के कुलपति सह IGIMS के निदेशक डॉ बिंदे के बेटे पर CBI ने दर्ज किया FIR,पिता पुत्र पटना छोड़ फरार आखिर क्यों जानिए

CBI NEWS: पटना AIIMS में गैर क्रीमी लेयर ओबीसी प्रमाणपत्र पर बेटो के फर्जी ढंग से चयन मामले में बुरे फसें कुलपति सह IGIMS के निदेशक डॉ बिंदे कुमार और रेडियोलॉजी के डीन डॉ प्रेम ,सीबीआई ने संस्थान से दोनों के बाबत मांगी लिखित जानकारी

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BUHS के कुलपति सह IGIMS के निदेशक डॉ बिंदे के बेटे पर CBI ने दर्ज किया FIR,पिता पुत्र पटना छोड़ फरार - फोटो : NEWS 4 NATION

N4N डेस्क: इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) के निदेशक सह बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिंदे कुमार जो पहले से ही अपने करतूतों को लेकर चर्चित रहे है.अमूमन अपनी पहुच पैरवी की बदौलत विवादों और गंभीर आरोपों के बावजूद हमेशा सरकार द्वारा महत्वपूर्ण तैनाती पा जाते है.लेकिन पटना AIIMS में अपने बेटे को फर्जी प्रमाण पत्र के जरीय चयनित कराने के गंभीर आरोप में क़ानूनी शिकंजे में बुरी तरह उलझ गए है. न केवल उलझे है बल्कि बाकायदा सीबीआई ने अब इस मामले में FIR दर्ज करते हुए बकायद इन्हें पार्टी बनाया है. मामल दर्ज होते ही कुलपति सह IGIMS के निदेशक डॉ बिंदे कुमार अपने बेटे कुमार हर्षित राज के संग फरार हो गए है.इसी बिच पटना AIIMS में गैर क्रीमी लेयर ओबीसी प्रमाणपत्र पर बेटो के फर्जी ढंग से चयन  मामले में बुरे फसें कुलपति सह IGIMS के निदेशक डॉ बिंदे कुमार और रेडियोलॉजी के पूर्व प्रोफ़ेसर सह HoD डॉ प्रेम कुमार के सर्विस बुक की सर्टिफाइड ज़ेरॉक्स कॉपी 22 अगस्त को दिन में 10 बजे सीबीआई ने दफ्तर पेश करने का न केवल आदेश दिया है बल्किएक जानकर और जिम्मेदार अधिकारी को भी साथ आने को कहा है जो सर्विस बुक के फैक्ट एंड फिगर का जानकर हो और उसका स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया जा सके. देखिये वो लैटर 


दरअसल यह पूरा मामला पटना एम्स में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी लेने जुड़ा हुआ है.सीबीआई ने पटना एम्स के दो डॉक्टरों पर धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में एफआईआर दर्ज की है. आरोप है कि दोनों डॉक्टरों ने ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर के जाली प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर पद हासिल किया. इस मामले के बाबत शिकायत करते हुए नॉर्थ राजनगर, दानापुर  के निवासी सतेन्द्र कुमार ने  23 दिसंबर 2024  को लिखित शिकायत सीबीआई की दी थी. उक्त शिकायत के आधार पर सीबीआई एसीबी पटना के इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने प्रारंभिक जांच की. जांच में पाया गया कि आरोपी डॉ. कुमार सिद्धार्थ ने एसडीओ पटना सदर द्वारा जारी तीन जाली ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र (संख्या BOBCDM/2023/89504 दिनांक 09.09.2023, BOBCSDO/2023/148247 दिनांक 30.08.2023 और BOBCCO/2023/364518 दिनांक 28.08.2023) का उपयोग कर एम्स पटना के फिजियोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर का पद हासिल किया. उनका चयन पहले एसोसिएट प्रोफेसर के लिए हुआ था, लेकिन पद घटाकर असिस्टेंट प्रोफेसर कर दिया गया. आरोप है कि उस समय उनके पिता डॉ. प्रेम कुमार एम्स पटना में रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष और डीन थे.