Nagpur Curfew : नागपुर में सांप्रदायिक झड़पों के छह दिन बाद पूरी तरह से हटाया गया कर्फ्यू, 30 मार्च को पीएम मोदी करेंगे दौरा
औरंगजेब विवाद के बाद शुरू हुए हिंसक झड़प के दौरान नागपुर में लगाया गया कर्फ्यू छह दिनों के बाद रविवार को हटा लिया गया है. हालाँकि अभी भी शहर के कई इलाकों में शांति- व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं.

Nagpur Curfew : नागपुर में सांप्रदायिक झड़पों के छह दिन बाद रविवार दोपहर शहर के सभी स्थानों से कर्फ्यू हटा लिया गया. प्रशासन की ओर से फ़िलहाल कड़ी निगरानी रखी जाएगी। 30 मार्च को गुड़ी पड़वा के त्यौहार के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागपुर दौरे के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहेगी। इस दौरान उनके आरएसएस मुख्यालय जाने और संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलने की भी उम्मीद है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं, रोजाना सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में दंगों के सिलसिले में कई एफआईआर दर्ज की गई हैं और 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 17 मार्च को हुई हिंसा के बाद नागपुर शहर के पुलिस प्रमुख डॉ. रविंदर सिंघल ने कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामबाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया था।
हालांकि, 20 मार्च को नंदनवन और कपिल नगर थाना क्षेत्रों से और 22 मार्च को पचपावली, शांति नगर, लकड़गंज, सक्करदरा और इमामबाड़ा क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा लिया गया था। रविवार को कोतवाली, तहसील, गणेशपेठ और यशोधरा नगर क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा लिया गया था।
शनिवार को, 38 वर्षीय वेल्डर इरफान शैफिक अहमद अंसारी, जो सोमवार को सांप्रदायिक दंगों के दौरान गोलीबारी में फंस गए थे और गंभीर रूप से घायल हो गए थे, ने दम तोड़ दिया. अंसारी बंदे गरीब नवाज नगर के रहने वाले थे और इतवारी इलाके की ओर जाते समय दंगाइयों के बीच फंस गए थे। अंसारी की मौत इंदिरा गांधी सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई।