Gayaji Crime:गया जी में रिश्तों की हैवानियत, पिता और फूफा ने बनाया नाबालिग को हवस का शिकार
Gayaji Crime: मानवता को शर्मसार करने वाला एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने रिश्तों की पवित्रता को तार-तार कर दिया। ...

Gayaji Crime:गया जी जिले में मानवता को शर्मसार करने वाला एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने रिश्तों की पवित्रता को तार-तार कर दिया। जिले के मानपुर थाना क्षेत्र के मुफस्सिल इलाके में एक 13 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ उसके सगे पिता और फूफा द्वारा बार-बार दुष्कर्म किए जाने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इस घिनौने अपराध ने न केवल स्थानीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया, बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर दिया कि जब परिवार के रक्षक ही भक्षक बन जाएं, तो मासूमों की सुरक्षा कौन करेगा? पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि फूफा फरार है और उसकी तलाश में छापेमारी जारी है।
अपराध का घिनौना चेहरा
पीड़िता के फर्द बयान के अनुसार, पिछले एक साल से उसका सगा पिता उसका शारीरिक शोषण कर रहा था। हैवानियत की हद तो तब पार हो गई, जब पिता ने अपनी ही बेटी पर उसके फूफा के साथ अवैध संबंध होने का झूठा आरोप लगाकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू किया। इस आरोप को हथियार बनाकर वह बार-बार अपनी हवस का शिकार बनाता रहा। पीड़िता ने अपनी मां को इस यातना के बारे में बताया, लेकिन मां ने न तो उसकी बात पर यकीन किया और न ही उसे पिता की क्रूरता से बचाने की कोशिश की। इस विश्वासघात ने नाबालिग को और भी असहाय बना दिया।
मामले की तह तक जाने पर और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पीड़िता ने अपने बयान में खुलासा किया कि उसने पिता के अत्याचारों से बचने के लिए अपने फूफा से मदद मांगी। फूफा ने मदद का वादा तो किया, लेकिन उसने भी मासूम की मजबूरी का फायदा उठाया। फूफा उसे अपने साथ ले गया और एक किराए के कमरे में उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं, जब पिता ने पुलिस में लड़की के अपहरण की शिकायत दर्ज की, तो फूफा ने उसे घर के पास छोड़कर फरार हो गया। इसके बाद पिता ने फिर से ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी और अपनी बेटी का शोषण जारी रखा।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
मामला तब उजागर हुआ, जब पीड़िता की आपबीती किसी तरह पुलिस तक पहुंची। मानपुर मुफस्सिल थाना पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी पिता को हिरासत में ले लिया। पीड़िता के बयान के आधार पर पिता और फूफा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस फरार फूफा की तलाश में छापेमारी कर रही है, और उसके ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया है, और उसकी काउंसलिंग की जा रही है ताकि वह इस मानसिक आघात से उबर सके। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि मां की भूमिका इस मामले में क्या थी, और क्या उसकी चुप्पी को अपराध में सहयोग माना जा सकता है।
सामाजिक खलबली और सवाल
इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। स्थानीय लोग हैरान हैं कि एक नाबालिग लड़की अपने ही परिवार के सदस्यों—वह भी पिता और फूफा जैसे रिश्तेदारों—के हाथों इतनी क्रूरता का शिकार कैसे बन सकती है। यह मामला समाज में परिवार की संरचना, विश्वास, और बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के अपराधों में अक्सर पीड़ित की आवाज को दबा दिया जाता है, क्योंकि अपराधी परिवार के सदस्य होते हैं, और सामाजिक लज्जा के कारण मामले दब जाते हैं।
मां की चुप्पी: एक और अपराध?
पीड़िता के बयान में मां की उदासीनता और चुप्पी इस मामले को और भी जटिल बनाती है। यह समझ से परे है कि एक मां अपनी बेटी की पीड़ा को नजरअंदाज कैसे कर सकती है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि मां की चुप्पी को भी अप्रत्यक्ष रूप से अपराध में सहभागिता के रूप में देखा जाना चाहिए। इस पहलू की गहन जांच की मांग उठ रही है, ताकि यह सुनिश्चित हो कि भविष्य में ऐसी लापरवाही को रोका जा सके।