Pakistani husband fraud:मोहब्बत के नाम पर पाकिस्तानी फरेब , पत्नी ने खोली करतूतों की किताब, सॉफ्टवेयर की आड़ में ऐसे हुआ रिश्तों का सॉफ्टवेयर क्रैश
Pakistani husband fraud: पाकिस्तानी फहद ने एक तलाकशुदा महिला से शादी की। पत्नी ने उसके लिए अपना धर्म बदला, इस्लाम कबूल किया और नई जिंदगी की नींव रखी। मगर ...
 
                            Pakistani husband fraud: एक ऐसा किस्सा सामने आया है, जिसने मोहब्बत, धोखा और फरेब की परिभाषा को नया रूप दे दिया है। पाकिस्तान से आया फहद नाम का यह शख़्स, जो 1998 से हैदराबाद की गलियों में खुद को भारतीय बताकर रह रहा था, अब धोखाधड़ी, दहेज उत्पीड़न और पत्नी को धमकाने के संगीन आरोपों में गिरफ़्तार हो चुका है।
धोखे की दास्तान और परदे के पीछे की हकीकत
कहानी की शुरुआत 2016 में हुई जब फहद ने एक तलाकशुदा महिला से शादी की। पत्नी ने उसके लिए अपना धर्म बदला, इस्लाम कबूल किया और नई जिंदगी की नींव रखी। मगर किसे पता था कि यह नींव खोखली थी। बीते दो सालों से घर में कलह का सिलसिला चलता रहा और अंततः गुरुवार को पत्नी ने फहद को एक दूसरी महिला के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया। मोहब्बत का मुखौटा यहीं उतर गया और फरेब का असली चेहरा सामने आया।
पत्नी ने थाने का दरवाज़ा खटखटाया और आरोपों की लंबी फेहरिस्त दर्ज़ कराई, पति पाकिस्तानी निकला, शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी, विवाहेतर संबंधों का जाल और दहेज की यातना।
नागरिकता का खेल और कानून का शिकंजा
फहद का दावा है कि उसने भारतीय नागरिकता हासिल कर ली है, लेकिन दस्तावेज़ दिखाने की बारी आई तो सबूत नदारद। पुलिस की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि फहद की मां भारत में जन्मी थीं, लेकिन सऊदी अरब में पाकिस्तानी नागरिक से शादी कर लेने के बाद उन्होंने पाकिस्तान की नागरिकता ग्रहण कर ली थी। यहीं से फहद की पहचान भी संदेह के घेरे में आ गई।
यह पूरा प्रकरण सिर्फ़ एक दंपति का विवाद नहीं, बल्कि व्यवस्था पर प्रश्न भी है। जब कोई व्यक्ति 1998 से बिना ठोस सबूत के इस देश में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर चैन की बंसी बजा सकता है, तो नागरिकता की चौकसी और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता पर बड़ा सवाल खड़ा होता है।
पाकिस्तानी मोहब्बत के इस खेल में एक भारतीय महिला की ज़िंदगी खिलवाड़ बन गई। धर्म बदला, रिश्ते बदले, लेकिन पति की नीयत न बदली। और अंत में वही हुआ जो हमेशा होता है मोहब्बत हारी, फरेब जीता, और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
तेलंगाना की यह घटना याद दिलाती है कि शादी सिर्फ़ दिल का रिश्ता नहीं, दस्तावेज़ों और सच्चाई की भी कसौटी है। वरना मोहब्बत की गली में कब कौन पाकिस्तान निकले, कौन जान पाएगा?
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                     
                    