Bihar News: पटना इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रुपेश सिंह हत्याकांड में कोर्ट से बरी हुए ऋतुराज और आर्यन को मुंगेर पुलिस ने फिर से गिरफ्तार कर लिया है। ये दोनों मुंगेर में अवैध हथियार खरीदने गए थे। सोमवार रात पुलिस ने इन दोनों समेत कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी उस समय हुई जब सभी बांक पंचायत मेन रोड पर हथियार खरीदकर लौट रहे थे। पुलिस सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस इनके मकसद को पता लगाने की कोशिश में जुटी है।
₹2 लाख लेकर हथियार खरीदने पहुंचे थे अपराधी
गिरफ्तार अपराधियों ने ₹1.5 लाख में तीन पिस्टल, मैगजीन और अन्य हथियार खरीदे थे और पटना लौट रहे थे। मुंगेर पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान इन्हें रोक लिया और गहन जांच के बाद गिरफ्तार कर लिया। ऋतुराज नौबतपुर का रहने वाला है और पटना के खमेनीचक में रहता है, जबकि आर्यन बख्तियारपुर के सालिमपुर का निवासी है। इनके अलावा गिरफ्तार अन्य 8 आरोपी बेगूसराय, पटना, मुंगेर और अन्य जिलों के रहने वाले हैं।
हत्या की साजिश का शक
गिरफ्तार सभी आरोपी सफारी गाड़ी से पटना लौट रहे थे। पुलिस को संदेह है कि ये लोग पटना में किसी की हत्या करने के लिए हथियार खरीदने गए थे। देर रात तक मुंगेर पुलिस सभी आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही थी। पुलिस ने इन आरोपियों के पास से 3 पिस्टल, मैगजीन और 50 हजार नगद बरामद किया है। साथ ही पुलिस ने उस सफारी गाड़ी को भी जब्त कर लिया है जिससे सभी आरोपी पटना आ रहे थे। फिलहाल पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इन हथियारों का इस्तेमाल किस वारदात के लिए किया जाना था और इसके पीछे कौन-कौन शामिल है।
कोर्ट ने किया था बरी
मालूम हो कि 12 जनवरी 2021 को इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह हत्याकांड इतना चर्चित हुआ कि इसकी गूंज प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) तक पहुंची थी। मामले की जांच में पटना पुलिस ने 350 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया और चारों आरोपी – ऋतुराज, सौरभ, पुष्कर और आर्यन जायसवाल को बरी कर दिया था। कोर्ट ने 6 अगस्त 2024 को सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।
जानिए पूरा मामला
12 जनवरी 2021 को पटना के शास्त्री नगर में रूपेश सिंह की उनके अपार्टमेंट के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह एयरपोर्ट से ड्यूटी खत्म कर घर लौट रहे थे, तभी पुनाईचक इलाके में उन्हें निशाना बनाया गया। पुलिस ने 350 पन्नों की चार्जशीट के साथ 100 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज भी कोर्ट में पेश किए थे। पुलिस की जांच में दावा किया गया था कि नवंबर 2020 में रूपेश और ऋतुराज के बीच रोड रेज को लेकर हाथापाई हुई थी। पुलिस के मुताबिक, इसी विवाद का बदला लेने के लिए ऋतुराज ने अपने साथियों सौरभ, पुष्कर और आर्यन के साथ मिलकर रूपेश की हत्या कर दी। हालांकि, अदालत ने पुलिस के आरोप पत्र को खारिज कर सभी आरोपियों को निर्दोष करार दिया।