Bihar School News: किताब देने के बदले में वसूला जा रहा रुपया ,हेडमास्टर साहेब का खेल फिर शुरू, मुफ्त शिक्षा के दावों की पोल खुली!
Bihar School News: मुफ्त किताबें देने के नाम पर बच्चों से ₹10 की अवैध वसूली का आरोप लगा है। इस घटना ने बिहार सरकार के मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Bihar School News:बिहार के मध्य विद्यालय बेलहर भरतखंड में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मुफ्त किताबें देने के नाम पर बच्चों से ₹10 की अवैध वसूली का आरोप लगा है। इस घटना ने बिहार सरकार के मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्रामीणों ने खोली पोल, बच्चों ने बताई सच्चाई
जब इस मामले की जानकारी ग्रामीणों को मिली, तो वे तुरंत मध्य विद्यालय बेलहर भरतखंड पहुंचे और बच्चों से पूछताछ की। सभी बच्चों ने एक स्वर में बताया कि किताब देने के बदले शिक्षक उनसे ₹10 वसूल रहे हैं। कुछ बच्चों ने साफ कहा कि यह राशि किताब के लिए ही ली जा रही है। इस खुलासे के बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया, और मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
प्रधानाध्यापक का दावा: 'भाड़े के लिए ले रहे हैं पैसे'
विद्यालय के प्रधानाध्यापक अशोक कुमार ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा, "बीआरसी से किताबें विद्यालय तक लाने में जो खर्च होता है, उसे सरकार वहन नहीं करती। इसलिए हम बच्चों से भाड़े के लिए ₹10 ले रहे हैं। जैसे ही भाड़े की राशि पूरी हो जाएगी, हम कोई पैसा नहीं लेंगे।" न्यूज़ फॉर नेशन के संवाददाता अमित कुमार से फोन पर बातचीत में भी प्रधानाध्यापक ने इस बात को दोहराया और कहा, "आप विद्यालय आइए, बैठकर बात करेंगे।"
वायरल वीडियो ने बढ़ाया विवाद
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें प्रधानाध्यापक द्वारा बच्चों से ₹10 वसूलने की बात सामने आई है। यह मामला तब और गंभीर हो गया, जब यह स्पष्ट हुआ कि बिहार सरकार विद्यार्थियों को मुफ्त किताबें उपलब्ध कराती है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर किताबें मुफ्त हैं, तो प्रधानाध्यापक बच्चों से पैसे क्यों वसूल रहे हैं? यह घटना सरकार की नीतियों और विद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाती है।यह कोई पहला मामला नहीं है। हाल ही में प्राथमिक विद्यालय लगार में चार शिक्षिकाओं को जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उपस्थिति बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने और आपसी विवाद के आरोप में निलंबित किया था।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पवन कुमार ने इस मामले पर कहा, "मुझे इसकी जानकारी नहीं थी। हम जांच करेंगे और मामले को संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई करेंगे।" हालांकि, उनकी यह प्रतिक्रिया ग्रामीणों और अभिभावकों के गुस्से को शंत करने के लिए पर्याप्त नहीं मानी जा रही है।
शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल
बिहार सरकार लगातार दावा करती है कि राज्य में मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। लेकिन मध्य विद्यालय बेलहर भरतखंड जैसे मामले इन दावों की हकीकत को उजागर करते हैं।
रिपोर्ट- अमित कुमार