Bihar Education Department: मीड-डे मिल है खराब,स्कूल से जुड़ी कोई भी हो समस्या तो डायल करें ये नंबर, फौरन होगा समाधान!एस सिद्धार्थ का बड़ा फैसला

Bihar Education Department: भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत, स्कूल, शिक्षक, छात्र, वेंडर, कॉलेज, विश्वविद्यालय, या विभागीय योजनाओं में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत सीधे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से किया जा सकता है।

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एस सिद्धार्थ का बड़ा फैसला- फोटो : social Media

Bihar Education Department: भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत, स्कूल, शिक्षक, छात्र, वेंडर, कॉलेज, विश्वविद्यालय, या विभागीय योजनाओं में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत सीधे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से किया जा सकता है। इसके लिए एक टोल-फ्री नंबर और अपर मुख्य सचिव का मोबाइल नंबर उपलब्ध कराया गया है। बिहार के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी व जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग ने स्कूलों, शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए टोल फ्री नंबर और व्हाट्सएप मोबाइल नंबर जारी किए हैं। इस पहल का मुख्य लक्ष्य स्कूलों में व्याप्त अनियमितताओं, जैसे शिक्षकों की अनुपस्थिति, मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी, आधारभूत सुविधाओं की कमी और अवैध वसूली जैसे मामलों पर त्वरित कार्रवाई करना है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रखेंगे और शिकायतों के समाधान को सुनिश्चित करेंगे।

शिकायतों के लिए टोल फ्री और मोबाइल नंबर

शिक्षा विभाग द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 14417 और 18003454417 पर कोई भी व्यक्ति स्कूलों से संबंधित अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके अलावा, विभिन्न श्रेणियों में शिकायतों को और सुगम बनाने के लिए पांच व्हाट्सएप मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं, जो निम्नलिखित हैं:

9229206201: स्कूलों की आधारभूत संरचना से संबंधित शिकायतें, जैसे भवन की स्थिति, शौचालय, पेयजल, बिजली कनेक्शन, पंखे, बेंच-डेस्क और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता।

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9229206202: स्कूल संचालन से जुड़ी समस्याएं, जैसे समय पर स्कूल न खुलना, शिक्षकों का देर से आना, कक्षाओं का रूटीन के अनुसार न चलना, और कंप्यूटर लैब या खेल सामग्री की कमी।

9229206203: मध्याह्न भोजन योजना से संबंधित शिकायतें, जैसे भोजन की गुणवत्ता, किचन की सफाई, गैस सिलेंडर की कमी, और शुक्रवार को अंडा या मौसमी फल न मिलना।

9229206204: कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से संबंधित समस्याएं।

9229206205: छात्रवृत्ति, पोशाक, साइकिल, किताब-कॉपी, और स्थानांतरण प्रमाणपत्र जैसे मुद्दों की शिकायतें।

इन नंबरों पर शिकायतें फोटो और वीडियो के साथ भी भेजी जा सकती हैं, जिससे समस्याओं का सटीक आकलन किया जा सके। विभाग ने स्पष्ट किया है कि शिकायतकर्ता की गोपनीयता बनाए रखी जाएगी, ताकि लोग बिना किसी डर के अपनी समस्याएं सामने ला सकें।

शिक्षा विभाग के इस कदम का उद्देश्य स्कूलों में शिक्षकों की समयबद्ध उपस्थिति, मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता, और आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है। हाल के दिनों में कई जिलों से शिकायतें मिली थीं कि कुछ स्कूलों में शिक्षक नियमित रूप से उपस्थित नहीं होते, मध्याह्न भोजन में अनियमितताएं हैं, और छात्रों से प्रैक्टिकल या अन्य कार्यों के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। इन समस्याओं को जड़ से खत्म करने के लिए यह व्यवस्था शुरू की गई है।

विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हमारा लक्ष्य है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्कूल में बेहतर माहौल मिले। टोल फ्री और व्हाट्सएप नंबर के जरिए हम सीधे अभिभावकों और छात्रों से जुड़ना चाहते हैं। इससे न केवल समस्याओं का त्वरित समाधान होगा, बल्कि स्कूलों की निगरानी भी प्रभावी ढंग से हो सकेगी।"

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। सभी शिकायतें सीधे उनके पास पहुंचेंगी, और वह संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के लिए निर्देश देंगे। शिकायतों की जांच के बाद दोषी शिक्षकों, कर्मचारियों या अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन और वेतन कटौती जैसे कदम शामिल हो सकते हैं।

पिछले कुछ महीनों में टोल फ्री नंबर पर प्राप्त शिकायतों के आधार पर कई मामलों में कार्रवाई की जा चुकी है। उदाहरण के लिए, जनवरी 2025 में टोल फ्री नंबर पर 300 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई थीं, जिनमें से अधिकांश 10वीं और 12वीं के प्रैक्टिकल के नाम पर अवैध वसूली से संबंधित थीं। इन शिकायतों के आधार पर कई स्कूलों के खिलाफ जांच शुरू की गई थी।

शिक्षा विभाग ने अभिभावकों और छात्रों से अपील की है कि वे स्कूलों में किसी भी तरह की अनियमितता को इन नंबरों पर जरूर दर्ज करें। विभाग ने यह भी कहा है कि शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा और उनका समाधान समयबद्ध तरीके से किया जाएगा। साथ ही, स्कूलों की दीवारों पर इन टोल फ्री और मोबाइल नंबरों को प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकें।