Bihar counting: बिहार के सियासी संग्राम में मंत्रियों की इम्तिहान की घड़ी, कहीं बढ़त तो कहीं पसीने छूटे, NDA का पलड़ा भारी, कई सीटों पर कांटे की जंग

कई मंत्री और दिग्गज नेता अब भी शीशे के पाँव पर खड़े दिख रहे हैं कहीं जीत का जश्न करीब है तो कहीं हार की आहट चिंता बढ़ा रही है।...

Ministers on edge in Bihar battle
बिहार के सियासी संग्राम में मंत्रियों की इम्तिहान की घड़ी- फोटो : Hiresh Kumar

Bihar counting: बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल इस वक़्त पूरी तरह सियासी गर्मा-गर्मी और रोमांच से भर चुका है। काउंटिंग जारी है और शुरुआती रुझान बताते हैं कि NDA मज़बूत बढ़त के साथ मैदान में आगे बढ़ रहा है। मगर कई मंत्री और दिग्गज नेता अब भी शीशे के पाँव पर खड़े दिख रहे हैं कहीं जीत का जश्न करीब है तो कहीं हार की आहट चिंता बढ़ा रही है।

सबसे पहले बात करते हैं डिप्टी CM सम्राट चौधरी की जो अपने निर्वाचन क्षेत्र में 11 हज़ार से ज़्यादा मतों की बढ़त के साथ काफ़ी कॉन्फ़िडेंट दिखाई दे रहे हैं। इसके उलट पूर्व डिप्टी CM रेणु देवी के लिए चुनाव बहुत मुश्किल साबित हो रहा है। बेतिया में वे 16 हज़ार वोटों से पीछे चल रही हैं, जो एनडीए खेमे में बेचैनी बढ़ा रहा है।

सबसे दिलचस्प और सियासी तड़प वाला मुकाबला इस वक़्त लखीसराय का है। यहां बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर और भाजपा नेता विजय सिन्हा को कांग्रेस के अमरेश कुमार ने सख़्त चुनौती दे रखी है। छठवें राउंड तक विजय सिन्हा मुश्किल से 5 हज़ार मतों की बढ़त बचाए हुए हैं। यह मुकाबला गरम-गरम बिरयानी की तरह उबल रहा है—कभी इधर, कभी उधर।

पटना की हाई-प्रोफ़ाइल सीट बांकीपुर से मंत्री नितिन नवीन 20 हज़ार से ज़्यादा वोटों से जीत की तरफ़ बढ़ रहे हैं। वहीं सीवान में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय 9 हज़ार से आगे हैं और RJD के उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी उनकी राह रोकने की पूरी कोशिश में हैं।

जेडीयू की तरफ़ से भी मंत्री मज़बूत पकड़ बनाए हुए हैं। धमदाहा से मंत्री लेसी सिंह, सरायरंजन से विजय चौधरी और नीतीश कुमार के भरोसेमंद श्रवण कुमार 8 हज़ार से ज़्यादा की बढ़त के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उधर छातापुर में मंत्री नीरज सिंह बबलू मात्र 1807 वोटों से आगे हैं RJD के विपिन कुमार सिंह उन्हें नाक में दम करके खड़े हैं।

कुल मिलाकर—243 सीटों में से 29 पर मंत्री चुनावी मैदान में हैं। BJP के 16 में से 15 मंत्री और JDU के सभी 13 मंत्री रुझानों में आगे दिख रहे हैं। हालांकि दोपहर तक यह तस्वीर एकदम साफ़ हो जाएगी कि कौन सत्ता की सीढ़ियां चढ़ेगा और किसकी राजनीतिक नाव डगमगाएगी।

राजनीति के इस दंगल में अब हर राउंड चुनावी कुरुक्षेत्र की तरह है और जनता का फैसला हर पल करवट बदल सकता है।