चुनाव घोषित, लेकिन सीट बंटवारे पर नहीं बनी बात, NDA और INDIA गठबंधन में मंथन जारी, जानिए कहां फंसी है पेंच
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख़ें घोषित होते ही पटना का सियासी तापमान चढ़ गया है। वीरचंद पटेल मार्ग से लेकर पोलो रोड तक राजनीतिक दलों के दफ्तरों में गहमागहमी तेज है।...

Bihar Vidhansabha Chunav 2025:बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख़ें घोषित होते ही पटना का सियासी तापमान चढ़ गया है। वीरचंद पटेल मार्ग से लेकर पोलो रोड तक राजनीतिक दलों के दफ्तरों में गहमागहमी तेज़ है। भाजपा, जदयू और राजद के दफ्तरों के बाहर गाड़ियों की कतारें और समर्थकों की भीड़ यह बता रही हैं कि सीट बंटवारे का मंथन अब अपने निर्णायक दौर में है।
सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे का काम लगभग 80 फीसदी पूरा हो चुका है, लेकिन कुछ घटक दलों की जिद अभी रोड़ा बनी हुई है। भाजपा और जदयू दोनों ही सौ से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। वहीं, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 28, जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को 8 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 5 सीटें देने का प्रस्ताव है। लेकिन यह फार्मूला सभी को रास नहीं आ रहा।
चिराग पासवान 40 सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं, जबकि मांझी का कहना है कि “राज्य स्तर की पार्टी बनने के लिए कम-से-कम 10 से 12 सीटें चाहिए।” दोनों नेताओं ने अपनी मांगों को लेकर एनडीए के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की है। वहीं, जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा का दावा है कि गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है और “एनडीए पूरी तरह एकजुट है, जल्द ही सीटों की घोषणा होगी।”
उधर, इंडिया गठबंधन में भी हालात बहुत अलग नहीं हैं। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पोलो रोड स्थित आवास पर लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। 80 फीसदी सहमति यहां भी बन चुकी है, लेकिन कांग्रेस, वामदल और वीआईपी पार्टी के अड़ियल रुख से फॉर्मूला फंस गया है। तेजस्वी कांग्रेस को 55 सीटें देना चाहते हैं, मगर कांग्रेस 70 से कम पर तैयार नहीं। वहीं वाम दल 40 सीटों की मांग कर रहे हैं, जबकि वीआईपी पार्टी डिप्टी सीएम पद की मांग पर अड़ी है।
सूत्रों के मुताबिक, तय फॉर्मूले के तहत राजद के खाते में 130, कांग्रेस को 55, वाम दल को 35 और वीआईपी को 20 सीटें देने का मसौदा तैयार है। इसके अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और पशुपति पारस की रालोजपा को राजद कोटे से 5-5 सीटें देने पर चर्चा है।
लेकिन कांग्रेस अब भी फॉर्मूले पर हामी नहीं भर रही। ऐसे में कहा जा रहा है कि पटना के सियासी गलियारे में सीट बंटवारे का खेल अब “संघर्ष और समझौते” के बीच फंसा हुआ है। आने वाले 48 घंटे बिहार की सियासत की दिशा तय करने वाले साबित हो सकते हैं।