BIHAR WEATHER: शक्ति की आराधना का महापर्व नवरात्र शुरु हो गया है. मौसम विभाग के अनुसार नवरात्रि में बिहार के अधिकतर जिलों में बारिश की संभावना प्रबल है. 27 सितंबर से हस्त नक्षत्र लग गया है, इसमें मूसलाधार बारिश की संभावना अधिक होती है. यह मॉनसून के अंतिम दौर की बारिश मानी जाती है. इस नक्षत्र में हुई बारिश को फसलों के लिए अमृत माना गया है. हथिया में मूसलाधार बारिश के साथ गुलाबी ठंड की शुरुआत होने लगती है. माना जा रहा है कि विदाई से पहले हथिया अपना रौद्र रूप दिखा सकता है, हाल ही में, बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती परिसंचरण का प्रभाव उत्तर-पूर्व बिहार के मौसम पर स्पष्ट रूप से देखा गया है. इस चक्रवात के कारण, राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश और आंधी की संभावना बढ़ गई है. मौसम विभाग ने इस संबंध में चेतावनी जारी की है कि अगले कुछ दिनों में भारी बारिश हो सकती है, जिससे जलभराव और बाढ़ जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
वहीं बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के कारण 3 से 7 अक्टूबर तक सूबे में बारिश हो सकती है. मौसम विभाग के अनुसार बिहार के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जबकि कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की भी संभावना है. 10 अक्टूबर तक प्रदेश के कई जिलों में बारिश जारी रहने की उम्मीद है.इससे पंडाल सजावट और मेले की तैयारियों के बीच इस बारिश से परेशानी हो सकती है.
पूर्वी बिहार के जिलों जैसे भागलपुर और मुंगेर में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है. इससे पहले भी इन क्षेत्रों में गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि देखी गई थी, और अब बारिश होने पर यह स्थिति और गंभीर हो सकती है. बिहार के कई जिलों में पहले से ही बाढ़ की समस्या बनी हुई है. यदि चक्रवात के कारण भारी बारिश होती है, तो यह स्थिति और बिगड़ सकती है. मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और आवश्यक सावधानियां बरतें.भारी बारिश के दौरान नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है.
वहीं बिहार में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के बाद अब तापमान में धीरे धीरे वृद्धि हो रही है.राजधानी पटना में बुधवार को कुछ देर के लिए हल्की बारिश हुई लेकिन इससे लोगों को उमस भरी गर्मी से कोई राहत नहीं मिली है. राजधानी पटना समेत बिहार के जिलें के लोग गुरुवार को चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी से परेशान रहे.