दरभंगा में बनने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निर्माण को लेकर केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दरभंगा एम्स के निर्माण की जिम्मेदारी एनबीसीसी की इकाई एचएससीसी (हॉस्पिटल सर्विस कंसल्टेंसी कॉरपोरेशन) को सौंपी है। इस परियोजना के लिए एचएससीसी को 1,261 करोड़ रुपये का ठेका मिला है, जिससे एम्स का निर्माण कार्य अब तेजी से शुरू होने की उम्मीद है।
एम्स के डिजाइन पर काम जारी
दरभंगा एम्स के निर्माण से पहले इसका डिजाइन तैयार किया जा रहा है, जिसे आईआईटी दिल्ली द्वारा विकसित किया जा रहा है। यह डिजाइन अंतिम चरण में है और विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि निर्माण स्थल की जमीन निचली होने के कारण वहां पानी भरने का खतरा न हो। इसके लिए एम्स के ढांचे को इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि भविष्य में किसी भी बाढ़ या जलजमाव जैसी समस्या का सामना न करना पड़े।
एम्स का दायरा और क्षेत्रफल
दरभंगा एम्स 188 एकड़ भूमि पर फैलेगा, और इसका निर्माण 2.25 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में किया जाएगा। एम्स बनने के बाद यह क्षेत्र स्वास्थ्य सेवाओं का एक प्रमुख केंद्र बनेगा, जो न केवल दरभंगा बल्कि पूरे बिहार और पड़ोसी राज्यों के लोगों को उन्नत चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करेगा। एम्स का निर्माण पूरा होने पर इसमें अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण, विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम और आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
एचएससीसी द्वारा एम्स का डिजाइन पूरा होते ही निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसके तहत किसी निर्माण एजेंसी को कंस्ट्रक्शन का काम सौंपा जाएगा। इस प्रक्रिया के पूरा होते ही एम्स का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। उम्मीद है कि केंद्र सरकार और एचएससीसी इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए तेजी से काम करेंगे।
दरभंगा एम्स के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने से स्थानीय लोगों में भी उत्साह है। यह परियोजना न केवल बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र बनेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी। एम्स के निर्माण से बिहार के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उन्हें इलाज के लिए राज्य के बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।