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मुजफ्फरपुर-बरौनी फोरलेन को लेकर आ गई गुड न्यूज, जल्द शुरू होगा निर्माण, इन जिलों को होगा फायदा

मुजफ्फरपुर-बरौनी फोरलेन को लेकर आ गई गुड न्यूज, जल्द शुरू होगा निर्माण, इन जिलों को होगा फायदा

मुजफ्फरपुर से बरौनी के बीच फोरलेन का निर्माण जल्द ही शुरू होने जा रहा है। यह परियोजना बिहार के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल यातायात को सुगम बनाएगी बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी। इस फोरलेन का कुल लंबाई 110 किलोमीटर होगी और इसकी लागत लगभग 3000 करोड़ रुपये आने की संभावना है। इस परियोजना का निर्माण कार्य 2025 में शुरू होगा और इसे 2027 तक पूरा करने की उम्मीद है। एक बार इस फोरलेन के बन जाने के बाद मुजफ्फरपुर से पूर्णिया की दूरी घटकर केवल तीन घंटे रह जाएगी, जिससे पश्चिम बंगाल जाने में भी आसानी होगी। यह परिवहन के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाएगा।


फोरलेन बनने से यातायात में सुधार होगा, जिससे यात्रा का समय कम होगा और सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी कमी आएगी। इसके अलावा, यह परियोजना क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी, जिससे व्यापार और पर्यटन को नई दिशा मिलेगी। साथ ही, इस परियोजना के माध्यम से रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे, जिससे स्थानीय युवाओं को लाभ होगा। इस परियोजना के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) और एलाइनमेंट को मंजूरी मिल चुकी है। टेंडर प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी, और भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो चुका है।


मुजफ्फरपुर से बरौनी के बीच फोरलेन का निर्माण बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण विकास परियोजना है। यह परियोजना न सिर्फ यातायात को सुगम बनाएगी बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी गति देगी। इस सड़क के बनने से मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया और मधुबनी जैसे जिलों के लोगों को सीधा लाभ होगा। यह सड़क इन जिलों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी, व्यापार को बढ़ावा देगी और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी। इसके अलावा, दरभंगा, मधेपुरा और सुपौल जैसे आसपास के जिलों को भी इस सड़क से फायदा होगा। यह परियोजना क्षेत्र के विकास में एक नई ऊर्जा का संचार करेगी और बिहार को देश के विकास के मुख्यधारा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

इस परियोजना में देरी का मुख्य कारण बजट आवंटन में हुई देरी है। इसके अलावा, डीपीआर तैयार करने में तकनीकी समस्याओं का भी सामना करना पड़ा, जिससे प्रक्रिया में विलंब हुआ। निर्माण कार्य 2025 में शुरू होगा और 2027 तक इसे पूरा करने की उम्मीद है। इस परियोजना से बिहार के विकास में एक नई ऊर्जा मिलेगी और यह राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

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