PITRU PAKSH MELA: सनातन धर्म में पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदान का विधान है. पितरों को मोक्ष प्रदान करने वाली मोक्ष नगरी गया में विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या दनुनदिन बढ़ती जा रही है. मोक्ष दायिनी फल्गु नदी के पवित्र जल से पिंडदान और तर्पण कर पितरों को जल अर्पित करते हैं.
पितरों की मोक्ष भूमि गया जी में अपने पूर्वजों के आत्मा के शांति के लिए तर्पण व पिंडदान के लिए देशी विदेशी पिंडदानियो के आने का सिलसिला जारी है . पूरे दुनिया में भारतवर्ष ही ऐसा देश है जहां अपने पूर्वजों के प्रति ऐसी श्रद्धा वह सम्मान देखने को मिलती है. पश्चात्य देश के लोग भी गया जी में आकर तर्पण व पिंडदान कर रहे हैं.
इसी सिलसिले में रूस, यूक्रेन, कजाकिस्तान और नाइजीरिया देश के 15 नागरिकों ने गया जी स्थित सनातन धर्माबलंवियों के आस्था के केंद्र बिंदु विष्णुपद मंदिर स्थित फल्गु नदी के तट पर पूरे विधि विधान के साथ तीन दिवसीय पिंडदान का कर्मकांड संपन्न किया.
पुरोहित लोकनाथ गौड़ ने विदेशी श्रद्धालुओं को कर्मकांड संपन्न कराया. पुरोहित लोकनाथ गौड ने बताया कि दल में विभिन्न धर्म के लोग हैं और अपने-अपने धर्म को छोड़कर भारतीय संस्कृति के प्रति अपनी आस्था जताते हुए बड़े श्रद्धा से तर्पण व पिंडदान का कर्मकांड संपन्न कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोई अपने पति कोई माता, पिता कोई बच्चे या पत्नी के निमित पिंडदान कर रहे हैं.
वहीं रसिया के श्वेतलाना अपने माता के निमित्त पिंडदान संपन्न किया उसकी माता छत पर से कूद कर आत्महत्या कर ली थी. वे नम आंखों से रोती रोती पिंडदान का कार्य कर रही थी.
रिपोर्ट- मनोज कुमार