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पसीने में छिपे हैं सेहत के कई राज, जानें इसके बारे में क्या कहती है नई रिसर्च?

पसीना केवल शरीर की ठंडक बनाए रखने का तरीका नहीं है, बल्कि यह आपकी सेहत के बारे में भी अहम जानकारी देता है। पसीने में मौजूद बायोमार्कर्स से स्वास्थ्य संबंधी संकेत मिल सकते हैं।

पसीना

पसीना केवल शरीर से गर्मी बाहर निकालने का तरीका नहीं है, बल्कि यह हमारी सेहत की कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ भी उजागर कर सकता है। हाल में, NCBI (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) द्वारा की गई रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि पसीने में मौजूद बायोमार्कर्स, जैसे ग्लूकोज, लैक्टिक एसिड और इलेक्ट्रोलाइट्स, शरीर के अंदर चल रही प्रक्रियाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकते हैं। पसीने के जरिए हम स्वास्थ्य के कई पहलुओं को मॉनिटर कर सकते हैं, और भविष्य में ग्राफीन-आधारित स्मार्ट डिवाइस इन बायोमार्कर्स को पहचानने में मदद कर सकते हैं।


पसीने से जुड़े कुछ स्वास्थ्य संकेत

पसीने का इन्फ्लुएंस हमारे शरीर के भीतर हो रहे विभिन्न बदलावों का संकेत देता है। उदाहरण के लिए, बहुत अधिक पसीना आना या पसीने की असामान्य स्मेल, शरीर में किसी समस्या के होने का संकेत हो सकती है। आइए, जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण स्थितियाँ जहां पसीने से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।


हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism):

अगर आपको बिना किसी वजह के अधिक पसीना आता है, तो यह हाइपरथायरायडिज्म का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में शरीर का मेटाबोलिज्म बहुत तेज़ हो जाता है, जिसके कारण शरीर में गर्मी पैदा होती है और पसीना अधिक निकलता है। इसके साथ-साथ यदि आपको वजन कम होना, घबराहट या तेज़ धड़कन महसूस होती है, तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है और डॉक्टर से जांच करवाना चाहिए।


डायबिटीज और ब्लड शुगर:

ठंडे मौसम में भी अत्यधिक पसीना आना, हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लड शुगर का कम होना) का संकेत हो सकता है। जब ब्लड शुगर बहुत कम हो जाता है, तो शरीर अतिरिक्त पसीने के रूप में इस स्थिति को संकेत करता है। इसके साथ कमजोरी, चक्कर आना और भूख लगना जैसी समस्याएँ भी हो सकती हैं। इस स्थिति में शुगर लेवल की जांच करवाना बहुत ज़रूरी है।


हॉर्मोनल असंतुलन:

महिलाओं में रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) या प्रेग्नेंसी के दौरान हॉर्मोनल बदलाव के कारण अत्यधिक पसीना आ सकता है। इसी तरह, पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का असंतुलन भी पसीने पर असर डाल सकता है। अगर आपको बिना वजह गर्मी महसूस होती है या रात में ज्यादा पसीना आता है, तो यह हॉर्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है।


मानसिक स्वास्थ्य और तनाव:

मानसिक तनाव, चिंता, या डिप्रेशन भी पसीने को प्रभावित कर सकते हैं। जब हम मानसिक तनाव में होते हैं, तो हमारे नर्वस सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है और शरीर के विभिन्न हिस्सों, जैसे हाथ, पैर और माथे पर ज्यादा पसीना आता है। इस स्थिति में मानसिक शांति की आवश्यकता होती है।


संक्रमण या गंभीर बीमारी:

अगर अत्यधिक पसीने के साथ बुखार, ठंड लगना, थकान या शरीर में दर्द भी महसूस हो रहा है, तो यह किसी बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण का संकेत हो सकता है। गंभीर बीमारियों, जैसे ट्यूबरक्युलोसिस या मलेरिया, में भी पसीना आ सकता है। ऐसे लक्षणों के लगातार बने रहने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


निष्कर्ष

पसीना हमारे शरीर में हो रहे बदलावों का महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। यह हमें कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत देता है और समय रहते इनसे निपटने में मदद करता है। पसीने की स्थिति को समझकर हम अपनी सेहत को बेहतर तरीके से मॉनिटर कर सकते हैं।


डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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