हम बचपन से सुनते आए हैं कि अगर कोई आपके घर आया है तो उनका आदर करें। भारत में मेहमानों को भगवान के समान माना जाता है। उन्हें भगवान कहा जाता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें भूल से भी अपने घर नहीं बुलाना चाहिए। इस बात की जानकारी आचार्य चाणक्य ने दी है। चहिए जानते हैं कि वो कौन लोग होते हैं, जिन्हें अपने घरों के अंदर मत घुसने दें।
कहा जाता है कि जीवन में उन लोगों से दूरी बना लेनी चाहिए जिनकी सोच नकारात्मक होती है। ऐसे लोग जीवन में कभी भी सुखी नहीं रहते हैं और अपने आसपास के वातावरण को भी दूषित रखते हैं। ऐसे लोगों से ना तो दोस्ती करनी चाहिए ना तो उन्हें अपने घर में ही न्योता देना चाहिए।
कई लोग जीवन में ऐसे हैं जिनपर विश्वास करना मुश्किल होता है और कोई भी रिश्ते का आधार विश्वास होता है। अगर आपके रिश्ते में विश्वास ही नहीं है तो मतलब उसमें आत्मीयता भी नहीं है। ऐसे रिश्तों को घर पर नहीं बुलाना चाहिए।
जिन लोग अपने जीवन में कई सारी गलत आदतों से जुड़े हुए हैं ऐसे लोगों से भी दूरी बनाकर रखना चाहिए। जैसी संगत वैसी रंगत की कहावत सबने सुनी होगी, जो इंसान जिसके साथ रहता है वो धीरे-धीरे उसी की तरह बनने लग जाता है। ऐसे में चाणक्य कहते हैं कि जो लोग गलत काम में लिप्त हों ना तो उनसे संपर्क रखें ना उन्हें कभी अपने घर बुलाएं।
दुनिया में कुछ तरह के लोग ऐसे हैं जिन्हें रिश्ते-नातों से ज्यादा मतलब नहीं होता है और ऐसे लोग सिर्फ अपना फायदा निकालना चाहते हैं। ऐसे में वे आपके घर भी आते हैं तो उसके लिए कोई स्वार्थ भरा बहाना ढूंढते हैं। ऐसे में उन लोगों से दूरी बना लेनी चाहिए जो हमेशा किसी ना किसी अवसर की तलाश में रहते हैं।