हमारे शरीर में अलग-अलग विटामिन विभिन्न प्रकार से काम करते हैं। उनकी कमी को लक्षणों से पहचाना जा सकता है। विटामिंस हमारे शरीर का वो जरूरी कड़ी है, जो हमारे शरीर की सेहत और उसकी कार्यक्षमता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन विटामिंस की कमी से स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ये पहली नजर में सामान्य लग सकती हैं। लेकिन आगे चल कर यही छोटी समस्याएं शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
विटामिन A में नाइट ब्लाइंडनेस, त्वचा शुष्क होना, प्रतिरक्षा तंत्र प्रभावित होना और संक्रमण का जोखिम बढ़ना इसके प्रमुख लक्षण हैं। इससे बचने के लिए उन खाद्यों का सेवन करें, जिनमें बीटा-कैरोटिन मौजूद हो। ये शरीर में जाकर विटामिन-ए में बदलता है। हर दिन मध्यम आकार की शकरकंदी का सेवन करें। इसके अलावा, 1 कप पकी हुई गाजर और 1 कप गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां, को भोजन में शामिल करें।
विटामिन D बच्चों में सूखा रोग और वयस्कों में ऑस्टियोमलेशिया की शिकायत हो सकती है। प्रतिरक्षा तंत्र भी कमजोर होता है, इसके कारण संक्रमण का जोखिम बढ़ता है। इससे बचने के लिए धूप विटामिन-डी का प्राथमिक स्रोत है। हर सुबह 10-15 मिनट धूप में बैठें। आहार में फैटी फिश जैसे 80 ग्राम सालमन और फोर्टिफाइड दुग्ध उत्पाद जैसे 1 कप दूध का सेवन करें।
विटामिन-के की कमी से त्वचा के छिलने, कटने, मसूढ़ों से खून आने और घावों से अधिक मात्रा में रक्तस्राव जैसी परेशानियां बढ़ जाती हैं। जख्म जल्दी नहीं भरते। इसके स्रोत हरी पत्तेदार सब्जियां पत्तागोभी, कीवी, ब्लूबेरी, गाजर आदि।
विटामिन-सी की कमी से स्कर्वी होने की आशंका बढ़ जाती है। इसमें थकान, मसूढ़ों से जुड़ी समस्याएं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली सामान्य है। इसके स्रोत खट्टे रसीले फल, जैसे- संतरा (1 मध्यम आकार का), स्ट्रॉबेरीज (1 कप) और हल्की पकी हुई शिमला मिर्च का सेवन करें।