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Tirupati Stampede : तिरुपति भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़ी, 5 मृत महिलाओं की हुई पहचान, दर्जनों का चल रहा उपचार

देश के सबसे धनी मन्दिरों में एक तिरुपति में मचे भगदड़ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु हताहत हुए हैं. यह हादसा उस समय हुआ जब वैकुंठ एकादशी को लेकर दर्शन के लिए टोकन वितरण चल रहा था. मरने वालों में पांच महिलाएं शामिल हैं.

Tirupati Stampede
Tirupati Stampede- फोटो : Social Media

Tirupati Stampede : वैकुंठ एकादशी को लेकर तिरुपति में जुटी श्रद्धालुओं की भीड़ के भगदड़ के शिकार होने से मरने वालों की संख्या गुरुवार सुबह तक 6 हो गई. मरने वालों की पहचान भी हो चुकी है. वहीं करीब 32 घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद गुरुवार सुबह अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. हालाँकि अभी भी बड़ी संख्या में घायलों का उपचार चल रहा है. 


तिरुपति में भगदड़ मचने से मरने वाले छह लोगों में पांच महिलाएं शामिल हैं। मृतकों की पहचान इस प्रकार की गई है जी रजनी (47) विशाखापत्तनम से, लावण्या (40) विशाखापत्तनम से, शांति (34) विशाखापत्तनम से, मेट्टू सेलम मल्लिका तमिलनाडु से, निर्मला (50) कर्नाटक से और एक पुरुष बोद्देती नायडू बाबू नरसीपत्तनम से हैं. 


मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू गुरुवार को मृतकों के परिवारों से मिलने के लिए तिरुपति जाएंगे और उस अस्पताल का भी दौरा करेंगे जहां घायलों का इलाज चल रहा है. 


कैसे हुआ हादसा

वैकुंठ द्वार सर्व दर्शन टोकन वितरण के दौरान तिरुपति के विष्णु निवासम में हादसा हुआ। यह घटना तब हुई जब बड़ी संख्या में लोग टोकन लेने के लिए उमड़ पड़े, जिससे अफरा-तफरी मच गई।


तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने 9 जनवरी से शुरू होने वाले दर्शन के लिए टोकन जारी करने की व्यवस्था की थी। नतीजतन, बुधवार शाम से ही भक्तों की कतार लगनी शुरू हो गई। अलीपीरी, श्रीनिवास, सत्यनारायणपुरम, पद्मावतीपुरम और तिरुपति रेलवे स्टेशन के सामने टीटीडी आवास परिसर विष्णु निवासम में भी बड़ी-बड़ी लाइनें लग गईं।


भक्तों की भारी भीड़ के कारण कतार में लगी लाइनों में भगदड़ मच गई, जिससे भक्तों को काफी असुविधा हुई। टीटीडी ने गुरुवार से 9 तिरुपति केंद्रों पर 94 काउंटरों के माध्यम से वैकुंठ द्वार दर्शन टोकन जारी करने की व्यवस्था की थी।


टीटीडी ने 10 से 19 जनवरी तक 10 दिनों के लिए वैकुंठ द्वार दर्शनम की योजना बनाई थी। टीटीडी ने 9 जनवरी को सुबह 5 बजे से तिरुपति के आठ केंद्रों पर स्थापित 90 काउंटरों और तिरुमाला में स्थापित एक केंद्र पर चार काउंटरों पर 1.2 लाख टोकन जारी करने की योजना बनाई थी। वैकुंठ द्वार दर्शन के दस दिनों के लिए पहले ही 1.40 लाख टिकट और 19,500 श्रीवाणी टिकट ऑनलाइन जारी किए जा चुके हैं।

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