N4N DESK : आधार कार्ड को जन्म तिथि का पर्याप्त दस्तावेज नहीं माना जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने आज आज अहम् फैसला सुनाते हुए कहा की उम्र के लिए आधार को दस्तावेज नहीं माना जा सकता। इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस निर्णय को बदल दिया।
हाईकोर्ट के इस निर्णय में आधार कार्ड को उम्र का दस्तावेज मानकर पीड़ित को मुआवजा दिया गया था। सड़क हादसे में शख्स की मौत के बाद उसके परिजनों को मुआवजा दिया गया था। जिसके उम्र की गणना के लिए आधार का इस्तेमाल किया गया था।
न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा की भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने अपने परिपत्र संख्या 8/2023 के माध्यम से, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 20 दिसंबर, 2018 को जारी एक कार्यालय ज्ञापन के संदर्भ में कहा है कि आधार कार्ड पहचान स्थापित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है।
इसके मद्देनजर मृतक की जन्मतिथि के लिए उसके स्कूल छोड़ने प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में 2015 में हुई एक सड़क दुर्घटना में मरने वाले एक व्यक्ति के परिजनों द्वारा दायर अपील पर सुनवाई की जा रही थी। इसी दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने यह आदेश दिया है।