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इस देश ने ISKCON को घोषित किया आतंकवादी संगठन , जय श्रीराम बोलने वालों को बताया जा रहा टेरिरिस्ट

Bangladesh declares ISKCON terrorist - भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में एक बार हिन्दूओं के विरुद्ध जाते हुए इस्कॉन को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। साथ ही यहां अब जय श्रीराम बोलनेवाले लोगों को आतंकवादी बताया जा रहा है।

इस देश ने ISKCON को घोषित किया आतंकवादी संगठन , जय श्रीराम बोलने वालों को बताया जा रहा टेरिरिस्ट
बांग्लादेश में इस्कॉन आतंकवादी संगठन- फोटो : SOCIAL MEDIA

DESK - जिसे भारत के सहारे एक स्वतंत्र देश होने का मौका मिला, वही देश अब  पूरी तरह हिन्दू विरोधी बनता जा रहा है। यहां बात हिन्दुस्तान के पड़ोसी देश बांग्लादेश की हो रही है. जहां हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और नफरत ने एक नया मोड़ ले लिया है। नफरत की स्थिति यह है कि  अब बांग्लादेश की पुलिस ने हिंदू धार्मिक संगठन ISKCON (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) को आतंकी संगठन करार दिया है। इस घटनाक्रम ने बांग्लादेश में हिंदू संगठनों और उनके अनुयायियों के बीच चिंता की लहर फैला दी है

 पुलिस का दावा है कि ISKCON के सदस्यों का हाथ देश में हो रही सामुदायिक हिंसा में है. इसके पहले ISKCON के वरिष्ठ प्रचारक चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ भी देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. 

लगातार हिंदुओं को किया जा रहा है टारगेट

बांग्लादेश की पुलिस और सेना के इंटेलिजेंस विभाग ने सोशल मीडिया पोस्ट को आधार बनाते हुए दावा किया है कि ISKCON की गतिविधियाँ हिंसा को बढ़ावा दे रही हैं। यही नहीं बांग्लादेश में जय श्रीराम बोलनेवाले लोगों को अब आतंकवादी करार दिया जा रहा है। 

विदेशी नीति  के विशेषज्ञों का मानना है कि मोहम्मद यूनुस सरकार का असली मकसद बांग्लादेश में अस्थिरता फैलाना और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को लंबा खींचना है. हिंदुओं को प्रताड़ित करके और ISKCON जैसे संगठनों पर गलत आरोप लगाकर यूनुस अपनी सत्ता को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

इस्कॉन ने किया इनकार

वहीं बांग्लादेश पुलिस के फैसले को ISKCON के अनुयायी इस साजिश को नकारते हैं और कहते हैं कि वे धर्म के मार्ग पर चलते हैं, राजनीति से दूर रहते हैं. जो कुछ भी बांग्लादेश में हो रहा है, वह हिंदुओं और कृष्ण भक्तों के साथ अन्याय है और इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाए जाने की जरूरत है।

जब देश प्राकृतिक आपदाओं से जूझता है, जैसे बाढ़ या अकाल, तो ISKCON के साधु-संत हमेशा मदद के लिए सामने आते हैं. ISKCON के अनुयायी लोगों को भोजन, चिकित्सा और राहत सामग्री प्रदान करते हैं. इसके बावजूद, ISKCON को हिंसा और आतंकवाद से जोड़ना बांग्लादेश की सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करता है.


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