National News: एक ओर जहां केंद्र सरकार जनसंख्या नियंत्रण करने की बात कर रही है। देश में जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए लोगों को जागरुक कर रही है। भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है। ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार के द्वारा कई नीतियां भी बनाई जा रही है। पुरस्कार-दंड का प्रावधान भी किया जाता है। वहीं इसी बीच एक राज्य के मुख्यमंत्री ने अपने राज्य के लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह दी है। सीएम के इस बयान को विवादास्पद माना जा रहा है।
सीएम ने दी एक से अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह
दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने राज्य के निवासियों को अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह दी है। नायडू ने प्रदेश में बढ़ती उम्रदराज आबादी को देखते हुए यह सलाह दी है। उन्होंने शनिवार को कहा कि प्रदेश सरकार जनसंख्या प्रबंधन की एक नई योजना पर काम कर रही है। इस योजना के तहत, सरकार अधिक बच्चे वाले परिवारों को प्रोत्साहित करने के लिए विधेयक लाने पर विचार कर रही है। इसके अलावा, सरकार एक ऐसा कानून बनाने पर भी विचार कर रही है, जिसके तहत केवल वही लोग स्थानीय निकाय चुनाव लड़ पाएंगे जिनके दो से अधिक बच्चे हों।
दो से अधिक बच्चे होंगे तभी लड़ पाएंगे स्थानीय निकाय चुनाव
नायडू का यह बयान कई कारणों से विवादास्पद है। एक ओर जहां वे बढ़ती उम्रदराज आबादी की चिंता व्यक्त कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वे अधिक बच्चे पैदा करने को प्रोत्साहित कर रहे हैं। यह जनसंख्या वृद्धि और उसके परिणामों पर उठ रहे सवालों के विपरीत है। इसके अलावा, स्थानीय निकाय चुनाव में दो से अधिक बच्चे होने की शर्त लगाना भी कई लोगों को अस्वीकार्य लग रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जनसंख्या वृद्धि के मुद्दे को केवल अधिक बच्चे पैदा करवाकर हल नहीं किया जा सकता। इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक विकास जैसे अन्य पहलुओं पर भी ध्यान देना होगा।
पहले नियम में बड़ा बदलाव
यही नहीं चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में एक बड़ा बदलाव करते हुए घोषणा की है कि अब अधिक बच्चों वाले लोग भी स्थानीय निकाय चुनाव लड़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि पहले हमने ऐसा कानून बनाया था जिसमें अधिक बच्चे वाले लोगों को चुनाव लड़ने से रोका गया था, लेकिन अब हम उस कानून को खत्म कर रहे हैं। इसके साथ ही, सरकार अधिक बच्चों वाले परिवारों को और अधिक सुविधाएं देने पर विचार कर रही है।
आंध्र प्रदेश में बढ़ती उम्रदराज आबादी चिंताजनक
नायडू ने इस फैसले के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि हमें 2047 तक डेमोग्राफिक एडवांटेज हासिल है, लेकिन दक्षिणी राज्यों, खासकर आंध्र प्रदेश में बढ़ती उम्रदराज आबादी एक चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि जापान, चीन और कुछ यूरोपीय देश भी इसी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं। दक्षिण भारत में यह समस्या इसलिए हो रही है क्योंकि युवा लोग रोजगार के लिए देश के अन्य हिस्सों या विदेशों में जा रहे हैं।
घटती जन्म दर गंभीर चिंता का विषय
मुख्यमंत्री ने दक्षिणी राज्यों में लगातार घटती जन्म दर पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में प्रति महिला औसतन 1.6 बच्चे पैदा होते हैं, जो राष्ट्रीय औसत 2.1 से काफी कम है। अगर यही स्थिति बनी रही तो 2047 तक दक्षिणी राज्यों में बुजुर्गों की आबादी काफी बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि यह समस्या सिर्फ आंध्र प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के कई गांवों में भी बुजुर्गों की संख्या युवाओं की तुलना में अधिक हो गई है। नायडू ने जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में अपने पिछले प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पहले की स्थिति बहुत अलग थी। तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण प्राकृतिक संसाधन खतरे में थे। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं और हमें नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।