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सेरिडॉन, डीकोल्ड समेत 300 से ज्यादा दवाइयों पर सरकार लगाएगी बैन

सेरिडॉन, डीकोल्ड समेत 300 से ज्यादा दवाइयों पर सरकार लगाएगी बैन

देशभर में स्वास्थ्य मंत्रालय अब 300 से ज्यादा दवाओं पर प्रतिबन्ध लागाने जा रही है. केंद्र सरकार की तरफ से यह आर्डर आया है कि जल्द से जल्द उन दवाओं को बंद कर दी जाए जो फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) है. सरकार के इस कदम से पीरामल, मैक्लिऑड्स, सिप्ला और ल्यूपिन जैसी कई मेडिसिन्स कंपनी को झटका लग सकता है, क्योंकि इनकी बिक्री मार्केट में सबसे ज्यादा है। 

सरकार उन्ही दवाओं को बैन करने वाली है जिसे लोग आसानी से मेडिकल शॉप से ले सकते हैं. इसमें कफ सिरप, दर्द निवारक और सर्दी-जुकाम जैसी दवाएं शामिल हैं। सबसे जयादा फेंसिडिल, डी-कोल्ड टोटल और सेरिडॉन पर प्रतिबन्ध लगाया जा सकता हैं। 

एफडीसी के अनुसार, पारासिटामोल+फेनिलेफ्राइन+कैफीन, क्लॉरफेनिरामाइन मैलिऐट+कोडाइन सिरप और पारासिटामोल+प्रॉपिफेनाजोन+कैफीन जैसी कॉम्बिनेशन दवाओं को बंद कर दिया जाएगा। 

मेडिसिन के बैन लिस्ट में लगभग 343 दवाएं शामिल हैं, जिन्हे एबॉट, पीरामल, मैक्लिऑड्स, सिप्ला और ल्यूपिन जैसी दवा निर्माता कंपनियां बनाती हैं।

 

हेल्थ मंत्रालय के कुछ अधिकारियों का कहना है कि अगले हफ्ते अंतिम अधिसूचना जारी होने की संभावना है। एक अधिकारी ने बताया, "स्वास्थ्य मंत्रालय 343 एफडीसीज को बैन करेगा।" हालांकि, हेल्थ मिनिस्ट्री के एक अन्य सीनियर अफसर ने कहा कहा, "मामले पर अब भी विचार हो रहा है।"

बता दें कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने डीटीएबी को कहा था कि वह स्वास्थ्य मंत्रालय को उन दवाइयों की जानकारी जल्द से जल्द दें जो पूरी तरह से बैन होने जा रहा है. 

इन मेडिसिन्स का पूरे देश में करीब 2 हजार करोड़ रुपये का बाजार है, जो कि कुल बाजार का 2% हिस्सा है और बंद होने पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मार्केट को कुल 2,000 करोड़ रुपये का झटका लग सकता है. हालाँकि,  2016 में  इन दवाइयों की बिक्री 3,000 करोड़ रुपये से घटकर अब 2,183 करोड़ रुपये रह गई है।  

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