पटना शहरी क्षेत्र में सीएनजी मिनी बसों की खरीद पर मिलेगा 7.50 लाख रूपये का अनुदान, जानें कहाँ करना होगा आवेदन

PATNA : पटना नगर निगम क्षेत्र में परिचालित निजी मिनी डीजल बसों की जगह सीएनजी बसों का परिचालन किया जाएगा। इसके लिए परिवहन विभाग ने डीजल चालित मिनी बसों को नए सीएनजी मिनी बसों में प्रतिस्थापन की योजना बनायी है। इसके तहत पटना नगर निगम क्षेत्र में डीजल चालित निजी मिनी बसों की जगह नए सीएनजी मिनी बसों की खरीद के लिए अधिकतम 7.50 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। परिवहन विभाग मंत्री शीला कुमारी ने बताया कि पटना शहरी क्षेत्र में डीजल की जगह सीएनजी बसों के परिचालन से प्रदूषण में कमी आयेगी। लाभुकों का चयन कर अनुदान भुगतान की कार्रवाई के लिए पटना जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है। 

अनुदान के लिए पटना डीटीओ ऑफिस में कर सकेंगे आवेदन

परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए इच्छुक आवेदक 28 अक्टूबर तक पटना जिला परिवहन कार्यालय में आवेदन कर सकेंगे। आवेदकों की सुविधा के लिए ई मेल की भी सुविधा प्रदान की गई है। 

चलाया जाएगा विशेष जांच अभियान

पटना शहरी क्षेत्र में परिचालित डीजल मिनी बसों को नए सीएनजी मिनी बसों से प्रतिस्थापन के बाद यदि पटना शहरी क्षेत्र में बस चलाते पकड़े गए तो बस मालिक पर की जाएगी कार्रवाई। बस मालिक से भुगतान की गई अनुदान राशि वसूल की जाएगी। इसके लिए विशेष जांच अभियान चलाया जाएगा। 

आवेदन की प्रक्रिया

इच्छुक आवेदक 28 अक्टूबर तक पटना जिला परिवहन कार्यालय में कर सकते हैं। आवेदन ई-मेल dto-patna-bih@nic.in के माध्यम से भी स्वीकार किये जाएंगे।यदि प्राप्त आवेदनों की संख्या निर्धारित लक्ष्य की सीमा में होगी तो सभी आवेदकों का चयन किया जाएगा। लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में लाभुकों का चयन प्राप्त आवेदनों के आधार पर वरीयता सूची बनाई जाएगी। अधिक पुराने वाहनों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रथम चरण में 50 लाभुकों का चयन किया जाएगा। 

पुराने डीजल चालित मिनी बस के स्थान पर सीएनजी चालित मिनी बस के क्रय के लिए अनुदान हेतु जिला परिवहन कार्यालय, पटना में आवेदन के साथ आधार कार्ड, पैन कार्ड, पुराने वाहन का निबंधन प्रमाण पत्र, फिटनेस, वैध बीमा प्रमाण पत्र, पीयूसी प्रमाण पत्र देना होगा। साथ ही पूर्व धारित डीजल चालित बस का परिचालन पटना शहरी क्षेत्र में नहीं किया जाएगा इस आशय का घोषणा पत्र भी देना होगा।

विवेकानंद की रिपोर्ट