26 साल पुराने बम विस्फोट मामले में अब्दुल करीम टुंडा हुआ बरी, 80 वर्षीय 'आतंकी' के खिलाफ नहीं मिला सबूत

DESK. वर्ष 1997 में रोहतक में हुए एक बम धमाके में गिरफ्तार किए गए अब्दुल करीम टुंडा को 26 साल बाद कोर्ट ने सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया। टुंडा के वकील ने यह जानकारी दी। अधिवक्ता विनीत वर्मा ने बताया कि रोहतक के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राज कुमार यादव ने सबूतों के अभाव में 80 वर्षीय टुंडा को बरी करने का फैसला सुनाया।

टुंडा को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया। टुंडा फिलहाल राजस्थान के अजमेर में केंद्रीय कारागार में बंद है। वह जेल में ही रहेगा क्योंकि वह कई अन्य मामलों में मुकदमे का सामना कर रहा है। हरियाणा के रोहतक में 22 जनवरी 1997 को पुरानी सब्जी मंडी और किला रोड पर दो बम विस्फोट हुए थे, जिसमें आठ लोग घायल हो गये थे। 

वर्मा ने कहा कि टुंडा पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 120-बी (साजिश) और विस्फोटक अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे। टुंडा को अगस्त, 2013 में भारत-नेपाल सीमा के निकट पकड़ा गया था। उसे 26 अक्टूबर, 2013 को पेशी वारंट पर रोहतक लाया गया था। टुंडा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के पिलखुआ का रहने वाला है।

गौरतलब है कि टुंडा के खिलाफ सोनीपत और पानीपत सहित कई बम विस्फोट मामलों में प्राथमिकी दर्ज है।