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बेरोजगारी और पलायन के दंश से कराहते बिहार के युवा और फर्जी आंकड़ो के सहारे बिहारियों का उपहास उड़ाता नीतीश का डपोरशंखी सुशासन- अभिषेक झा

बेरोजगारी और पलायन के दंश से कराहते बिहार के युवा और फर्जी आंकड़ो के सहारे बिहारियों का उपहास उड़ाता नीतीश का डपोरशंखी सुशासन- अभिषेक झा

PATNA: कहाँ तो तय था चराग़ाँ हर एक घर के लिये

             कहाँ चराग़ मयस्सर नहीं शहर के लिये

             यहाँ दरख़्तों के साये में धूप लगती है

             चलो यहाँ से चले और उम्र भर के लिये...

महान कवि दुष्यंत की ये पंक्तिया  बिहार के बेरोजगार युवाओं पर पूरी तरह फिट बैठता है। 15 वर्षों से सुशासन के नाम पर सत्ता का मलाई चाभ रहे सीएम नीतीश ने बिहार को हर मोर्चे पर क्षत विक्षत कर के रख दिया है। रालोसपा के युव प्रवक्ता अभिषेक झा कहते हैं कि अपराध, बेरोजगारी और पलायन का तमगा टांगे बिहार  राष्ट्रीय पटल पर बुरी तरह बदनाम हो रहा है। कोरोना संकट ने तो नीतीश सरकार के दौरान हुए पलायन की पोल ही खोल कर रख दी। भारी संख्या में प्रवासी बिहारियों का लौटता जत्था चीख चीखकर यह कह रहा है कि नीतीश कुमार की नकारा नीतियों ने पिछले 15 सालों में बिहार को बेरोजगारी और पलायन के पेंच में बुरी तरह फंसाकर रख है।

सीएम नीतीश बताएं क्या भूखे पेट बिलबिलाते मजदूरों की भीड़ का नाम ही सुशासन है क्या?

अभिषेक झा कहते हैं कि शर्म आती है कि श्रम शक्ति हमारा और इस पूंजी का इस्तेमाल कोई दूसरा कर मालामाल हो रहा है। हम पहले से ही कंगाल थे और कंगाल होते जा रहे हैं। देश के हर प्रदेश की सड़कों पर भूखे पेट सरकते प्रवासी मजदूरों का जत्था सुशासन के मुंह पर तमाचा से कम नहीं है। नीतीश कुमार की सरकार पिछले 15 सालों में प्रदेश में एक भी उद्योग लगाने में असफल रही ।इतना ही नहीं इनकी गलत नीतियों की वजह से कोई भी बड़ी कम्पनी और निवेशक यहां पैसा लगाने से बचता रहा। आज उनके उद्योग मंत्री कागजी शेर बनकर हवाबाजी कर लोगों में भरम पैदा करने का काम कर रहे हैं। 24 जिन कंपनियों का नाम उद्योग मंत्री गिना रहे हैं, क्या वे कोरोना संकट का इंतजार कर रहे थे ।

चुनाव के समय चोंचलेबाजी करना सीएम नीतीश और उनके कैबिनेट के मंत्रियों की आदत में शुमार रहा है। उसी का परिणाम है  कि आज प्रदेश 15 सालों के उनके शासनकाल में बेरोजगारों की फौज तैयार करने में कामयाब रहा है।  कोरोना संकट ने प्रदेश के प्रति उनकी संवेदनशीलता को भी जगजाहिर कर दिया है अब आंकड़ों की चोंचलेबाजी का खेल नहीं चलने वाला । जनता  इनके  धूर्तबाजी रूपी  आंकड़ेबाजी अजीज आ चुकी है। बहुत जल्द ही नीतीश कुमार के डपोरशंखी सुशासन का ढोल फटने वाला है।

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