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गंगोत्री से रामेश्वरम तक की यात्रा पूरी कर सात सदस्यीय जत्था पहुंचा दरभंगा, विद्यापति सेवा संस्थान ने स्वागत और अभिनन्दन

 गंगोत्री से रामेश्वरम तक की यात्रा पूरी कर सात सदस्यीय जत्था पहुंचा दरभंगा, विद्यापति सेवा संस्थान ने स्वागत और अभिनन्दन

DARBHANGA : गंगोत्री से रामेश्वरम तक की 3300 किलोमीटर की पैदल यात्रा पूर्ण कर सद्भावना यात्रा समिति का सात सदस्यीय जत्था रविवार को देर शाम दरभंगा पहुंचा। उनके यहां पहुंचने पर विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में आयोजित अभिनंदन समारोह में मिथिला की गौरवशाली परंपरा अनुरूप मिथिला पेंटिंग युक्त पाग, चादर एवं फूलों की माला भेंटकर महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने स्वागत एवं अभिनन्दन किया। इस दौरान हर हर महादेव एवं हर हर गंगे के जयघोष से विद्यापति सेवा संस्थान का पूरा कार्यालय परिसर भक्तिमय हो गया। विदित हो कि वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा के नेतृत्व में कांवरियों के जत्था ने हिमालय स्थित गंगोत्री से बीते चार जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन कांवर में गंगाजल लेकर विश्व में शान्ति एवं सद्भाव की स्थापना के उद्देश्य से कुल 106 दिनों की पैदल यात्रा करते हुए हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी तट पर अवस्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक रामेश्वरम शिवलिंग का गणेश चतुर्थी के दिन जलाभिषेक किया। सद्भावना पैदल कांवर यात्रा में मणिकांत झा के अतिरिक्त हरिना, झंझारपुर, (मधुबनी) के चिरंजीव मिश्र, भीषम टोल, कछुआ, (दरभंगा) के श्याम राय, रतवारा, (मुजफ्फरपुर) के आशुतोष कुमार एवं रंजीत कुमार झा सहित हरिनगर, (सीतामढ़ी) के सुदिष्ट ठाकुर एवं राजभर के लालवचन शामिल थे। इनके साथ वाहन के सारथी के रूप में अजय कुमार यादव की सहभागिता काबिले तारीफ रही।

सद्भावना यात्रा समिति के संयोजक एवं वरिष्ठ साहित्यकार सह भारत निर्वाचन आयोग के दरभंगा जिला आइकॉन मणिकांत झा ने बताया कि उत्तराखंड के गंगोत्री से यात्रा आरंभ कर पदयात्री उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना,आँध्र प्रदेश, होते हुए तमिलनाडु के रामेश्वरम तक पहुंचे। यात्रा के क्रम में कांवर यात्री अनेक अद्भुत अनुभवों को संचित करते हुए मिथिला की कला संस्कृति, सभ्यता और भाषा आदि को उन लोगों के बीच प्रचारित व प्रसारित करने के साथ ही वहाँ की कला-संस्कृति आदि से परिचित हुए। उन्होंने कहा कि गंगोत्री के गंगाजल से महादेव रामेश्वरम के जलाभिषेक का विशेष महत्व है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए समिति के सदस्यों ने विश्व में शान्ति और सद्भावना का संदेश देने के उद्देश्य से गंगोत्री से रामेश्वरम तक की काँवर यात्रा करने का संकल्प लिया। 

कांवर यात्रियों का स्वागत एवं सम्मान करते हुए डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि संपूर्ण विश्व में शांति एवं सद्भावना की स्थापना के उद्देश्य से की गई यह अभूतपूर्व पैदल कांवर यात्रा मां जानकी की मातृभूमि मिथिला सहित संपूर्ण बिहार वासियों के लिए एक गौरव यात्रा है। उन्होंने कहा कि मिथिला के सभी कोटि के करोड़ों लोगों की शुभकामनाएं यात्रीदल के साथ चलती रही और यह यात्रा अपने उद्देश्य में ऐतिहासिक सफलता हासिल करने में सफल हुई।  

अभिनन्दन समारोह के संयोजक प्रो जीवकांत मिश्र ने कहा कि अंगुली पर गिने चुने लोग ही इस तरह की साहसिक यात्रा का संकल्प ले पाते हैं। संकल्प को सिद्धि मे बदलने का कार्य देवाधिदेव महादेव ने बार फिर साबित कर दिखाया है। संस्थान के मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि चूँकि मणिकांत झा स्वयं एक सधे हुए साहित्यकार हैं इसलिए उन्होंने आठ करोड़ मिथिलावासी की ओर से उठने वाली कांवर यात्रा के अद्भुत संस्मरण को पुस्तकाकार रूप में उनसे प्रकाशित करने का आग्रह किया। महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन हीरा कुमार झा ने इस ऐतिहासिक यात्रा के खुशनुमा माहौल में समाप्त होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

केदारनाथ कुमर के गाये गणेश वंदना एवं गंधर्व झा के स्वस्ति वाचन से शुरू हुए इस अभिनन्दन समारोह में मैथिली मंच के शीर्षस्थ गायक रामबाबू झा, डा सुषमा झा, दीपक कुमार झा, नीरज कुमार झा ने एक से बढ़कर एक भक्तिमय प्रस्तुतियों से वातावरण को भक्ति से सराबोर कर दिया। तबला पर हीरा कुमार झा के उंगलियों की थिरकन काबिले तारीफ रही। मौके पर एमएलएसएम कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो विद्यानाथ झा, डा ओमप्रकाश, प्रो बाबू साहेब झा, प्रो विजय कांत झा, श्रवण कुमार झा, विनोद कुमार झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, दुर्गा नंद झा, चौधरी फूल कुमार राय, झा, रंगनाथ ठाकुर, सौरभ नीतीश, मनीष झा रघु, रंजीत झा आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

दरभंगा से वरुण ठाकुर की रिपोर्ट

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