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राहुल के अमेठी के बाद अब सोनिया गांधी के रायबरेली पर स्मृति इरानी की नजर, बनाई गई “दिशा” की अध्यक्ष

राहुल के अमेठी के बाद अब सोनिया गांधी के रायबरेली पर स्मृति इरानी की नजर, बनाई गई “दिशा” की अध्यक्ष

RAIBARELI : यूपी में दो संसदीय सीट ऐसे रहे हैं जो हमेशा से गांधी परिवार के सदस्यों ने नाम रहा है। यह सीट हैं अमेठी और रायबरेली। 2019 के लोकसभा चुनाव तक दोनों सीटों पर गांधी परिवार को हराना असंभव माना जाता था। लेकिन, 2019 में स्मृति इरानी ने अपनी मेहनत से इस असंभव को संभव कर दिया और अमेठी से राहुल गांधी को शिकस्त देकर यह साबित कर दिया कि अब गांधी परिवार का राज खत्म हो हो गया। अब अमेठी में राहुल को पटखनी देने के बाद स्मृति इरानी के नजर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की संसदीय सीट रायबरेली पर गड़ गई है। स्मृति इरानी धीरे धीरे रायबरेली में अपनी जड़े जमानी शुरू कर दी है। 

केंद्रीय मंत्री की इस कोशिश का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि सोनिया गांधी के जिले में स्मृति इरानी को जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) अध्यक्ष बना दिया गया। अचानक दिशा की बैठक के लिए अध्यक्ष बनाए जाने के बाद स्मृति इरानी ने गांधी परिवार के लिए खतरे की घंटी बजानी शुरू कर दी है। इससे पहले 2018 में हुई बैठक में सोनिया गांधी अध्यक्ष, जबकि तत्कालीन अमेठी सांसद रहे राहुल गांधी को सह अध्यक्ष बनाया गया था। बता दें कि स्मृति इरानी अमेठी से सांसद जरुर हैं, लेकिन रायबरेली जिले की सलोन विधानसभा सीट उन्हीं के संसदीय क्षेत्र में आती है। ऐसे में अक्सर वह अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करती हैं।

ग्रामीण विकास मंत्रालय से चुना जाता है अध्यक्ष

बताया गया कि लोकसभा चुनाव के बाद हर बार दिशा के लिए अध्यक्ष व सह अध्यक्ष का मनोनयन ग्रामीण विकास मंत्रालय से होता है। इस बार मंत्रालय ने सोनिया गांधी की जगह स्मृति इरानी का नाम अध्यक्ष पद के लिए नामांकित किया है। हालांकि कांग्रेस की तरफ से इस पर आपत्ती जाहिर की गई है। कांग्रेस प्रवक्ता विनय द्विवेदी का कहना है कि अध्यक्ष सोनिया गांधी को बनाया जाना चाहिए। कारण वे रायबरेली सांसद हैं। ऐसा न कर ओछी राजनीति की जा रही है। 



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