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पुल, पुलिया, सड़क धंसने के बाद अब सरकारी विद्यालय के भवनों की बारी, मुंगेर में स्कूल का छत गिरा, छुट्टी का दिन होने के कारण टला बड़ा हादसा

पुल, पुलिया, सड़क धंसने के बाद अब सरकारी  विद्यालय के भवनों की बारी, मुंगेर में स्कूल का छत गिरा, छुट्टी का दिन होने के कारण टला बड़ा हादसा

मुंगेर -बिहार में पुल, पुलिया, सड़क धंसने के बाद अब सरकारी  विद्यालय का छत गिराने लगा है. हालांकि शिक्षा विभाग के द्वारा उस स्कूल को पहले से जर्जर घोषित किया जा चुका था. हादसा छुट्टी के दिन होने के कारण बड़ी दुर्घटना टल गई है. 

दो दिनों से मुंगेर में हो रहे मूसलाधार बारिश के बीच सदर प्रखंड के तारापुर दियारा स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय महेशपुर के पुराने बंद भवन की छत अचानक गिर गया है .

 जिसका मलवा अबतक वहां फैला है. जो अब इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के लिये खतरनाक बन गयी है, क्योंकि विद्यालय के बच्चे इस पुराने भवन के बरामदे पर ही खेलते हैं । ऐसे में अन्य भवनों की जर्जर छत कभी भी गिर सकती है । जिससे बड़ी दुर्घटना घट सकती है.

 बताया गया कि गुरूवार और शुक्रवार को हुयी मूसलाधार बारिश के बीच ही उत्क्रमित उच्च विद्यालय के पुराने बंद पड़े तीन कमरों के भवन के एक कमरे की पूरी छत गिर गयी। गनीमत यह रही कि इस दौरान विद्यालय में अवकाश हो जाने से बच्चे वहां नहीं थे । जबकि छत के गिरने की धमक से वहां के शिक्षकों में हड़कंप मच गया । विद्यालय के प्रधानाध्यापक उत्तम कुमार ने बताया कि गुरूवार को बारिश के दौरान ही कमरे की छत गिर गयी थी । हलांकि एक साल पहले ही जर्जर भवन को बंद कर कक्षाओं का संचालन पंचायत भवन तथा विद्यालय के नये दो कमरे के भवन में शुरू कर दिया गया था । लेकिन पंचायत भवन या नये भवन तक आने के लिये पुराने भवन होकर ही 3 फीट का रास्ता है । जिससे होकर ही शिक्षक व बच्चे स्कूल आते हैं । 

जबकि विद्यालय के बच्चे इसी पुराने भवन के बरामदे पर खेलते हैं । उन्होंने बताया कि छत गिरने के दौरान गनीमत रही की अवकाश होने के कारण बच्चे वहां नहीं थे । ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में +2 तक की पढ़ाई होती है । 

जिसके लिये पंचायत भवन और नये विद्यालय का दो ही कमरा है । जिससे बच्चों को पढ़ाई में परेशानी होती है । जबकि रास्ता पुराने भवन होकर ही आने के कारण हमेशा भवन गिरने का डर बना रहता है । उन्होंने बताया कि इसे लेकर सांसद और जिलाधिकारी को भी पत्र दिया गया है । 

लेकिन अबतक इसे लेकर कोई कार्यवाई नहीं हो पायी है । भवन का छत इतना कमजोर है कि यह कभी भी गिर सकता है. जबकि प्रशासन इसे लेकर पूरी तरह उदासीन बना हुआ है ।

रिपोर्ट- मो. इम्तियाज खान


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