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ईओयू की एंट्री के बाद जमुई अंचल के बड़े अधिकारियों समेत सभी बिचौलिए हुए भूमिगत, गिरफ़्तारी की लटक रही तलवार

ईओयू की एंट्री के बाद जमुई अंचल के बड़े अधिकारियों समेत सभी बिचौलिए हुए भूमिगत, गिरफ़्तारी की लटक रही तलवार

JAMUI : जमुई पुलिस द्वारा सिविल कोर्ट में समर्पित डायरी और सबूतों के आधार पर चर्चित अशोक यादव प्रकरण में परत दर परत राज खुलते जा रहे है। फर्जीवाड़े की जद में जिला प्रशासन के बड़े अधिकारियों समेत कई नामचीन हस्तियों का नाम आने से पूरे जमुई में हड़कंप मच गया है। सभी के काले कारनामे अब जमुई में चर्चा का विषय बन चुका है। जमुई अंचल कार्यालय के फर्जीवाड़े प्रकरण में अब जमुई अंचल से जुड़े भ्रष्टाचार की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान इकाई के मार्गदर्शन में होगी। साथ ही मुकदमे की सुनवाई भी ईओयू की अदालत में की जाएगी। इसके लिए जमुई कोर्ट से मामला आर्थिक अपराध अनुसंधान इकाई की विशेष अदालत को स्थानांतरित कर दिया गया है। 

यह सूचना कांड में संलिप्त अधिकारियों, कर्मियों एवं बिचौलियों की मुश्किलें बढ़ाने वाली है। इसके पहले 28 सितंबर को ही मामले में पुलिस अधीक्षक डा शौर्य सुमन ने प्रतिवेदन दो निकालकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएं जोड़ने का मार्ग प्रशस्त कर दिया गया था। साथ ही कांड के अनुसंधान की जिम्मेदारी एसडीपीओ को सौंपने का टास्क अनुसंधानकर्ता विद्यानंद को दिया था। एसपी ने मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत अवैध संपत्ति के समाहरण की कार्रवाई को लेकर भी आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है। अनुसंधान का कार्य एसडीपीओ सतीश सुमन ने संभाल भी लिया है। इसके साथ ही कोर्ट में पहली डायरी समर्पित भी कर दी गई है। समर्पित डायरी में नौ लोगों की प्रारंभिक संलिप्तता बताई गई है। साथ ही विभिन्न पदों पर आसीन अधिकारी व कर्मी सहित 24 लोग जांच के घेरे में हैं। उसी लेनदेन वाली डायरी, मोबाइल का सीडीआर, काल रिकार्डिंग तथा व्हाट्सएप चैटिंग और अशोक की स्वीकारोक्ति के आधार पर प्रारंभिक जांच में अंचल अधिकारी सुजीत कुमार, राजस्व अधिकारी सुमित कुमार आशीष, अंचल कार्यालय का कंप्यूटर आपरेटर सुजीत कुमार, राजस्व कर्मचारी निभा कुमारी और सिया शरण यादव तथा एडीएम कार्यालय के कर्मी गौतम कुमार, पुरानी बाजार के मुकेश कुमार तथा दौलतपुर के राहुल की संलिप्तता सामने आई है। 

इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने आर्थिक अपराध अनुसंधान इकाई पटना से गिरफ्तारी एवं मानिटरिंग की अनुमति के लिए डीआईजी को पत्र अग्रसारित कर दिया था। बताया जा रहा है कि डीआईजी के बाद आईजी ने भी उक्त अनुशंसा को हरी झंडी देते हुए अपराध अनुसंधान इकाई को अपनी अनुशंसा भेज दी थी। अब ईओयू की भी केस में एंट्री हो गई है। सूत्रों की माने तो डीएम के गोपनीय से अलीगंज तक अशोक यादव के लेनदेन का जाल फैला है। सिकंदरा और अलीगंज के अंचल अधिकारी का भी नाम अशोक की लाल डायरी में दर्ज है। पुलिसिया अनुसंधान में संदिग्ध की श्रेणी में जमुई बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव विपिन सिंहा, अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह, आपरेटर संजीत कुमार, भाटचक के रघु, बिठलपुर के एकराम, ड्राइवर ब्रजेश, सिकंदरा के श्रेय, बिठलपुर के जीतू सिंह, संविदा पर कार्यरत राजस्व कर्मचारी राजेंद्र सिंह, रघुवीर, दौलतपुर के राजस्व कर्मचारी अविनाश कुमार, संतोष कुमार, मोहन यादव, बरुअट्टा के सचिन सिंहा, भूषण सिंह, मनोज मुंशी, डीसीएलआर आफिस के छोटू चपरासी, डीएम गोपनीय के रीडर राजीव कुमार, धधौर निवासी मोहरिल भुना यादव, मंटू कर्मचारी, राहुल आपरेटर, टुनटुन सिंह, राजेश्वर, अशोक सिंह एवं डीसीएलआर आफिस में कार्यरत पप्पू मरांडी का नाम प्रमुख है। 

इसके अलावा अशोक के लेनदेन वाली डायरी में जिन लोगों का नाम दर्ज है उसमें मनोज सिंह, अंचल अधिकारी सिकंदरा, सुशील, महेश, सुजीत, वकील, राजीव गोपनीय, मनी जी, मनोज वकील, पप्पू, दानिश, महेश साव, नागा, कुंवर जी, देवेश, इंद्रकांत झा, सिकंदर झा, सुमित, संतोष, ललन, अमित, गंगा शर्मा, बालचंद, गोविंद कर्मचारी, डीड राइटर अभिनंदन, अमोद, भारती राज, नासिर, निर्मल, अलीगंज के अंचल अधिकारी, गोपाल जी, अनिल सिंह, कुंदन, अविनाश, कर्मचारी नरेंद्र सिंहा, राजेंद्र कर्मचारी, शैलेंद्र गौतम, एडीएम कामेश्वर, अंबिका यादव, अंचल गार्ड, मंटू कर्मचारी आदि का विस्तृत नाम, पता एवं कार्य स्थल की जानकारी प्राप्त करने का निर्देश पुलिस अधीक्षक ने अपने पर्यवेक्षण रिपोर्ट में दिया है। ऐसे में माना जा रहा है आर्थिक अपराध इकाई को केस ट्रांसफर होने के बाद अब सभी आरोपियों पर जांच बैठेगी। फिलहाल  प्रमुख 9 आरोपियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

जमुई से सुमित की रिपोर्ट

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