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AIMIM ने लालू-कांग्रेस की और बढ़ाई मुसीबत ... ओवैसी की पार्टी ने खड़ा किया एक साथ इतने सीटों पर उम्मीदवार, सीवान में हिना साहाब पर फेंका दांव

 AIMIM ने लालू-कांग्रेस की और बढ़ाई मुसीबत ... ओवैसी की पार्टी ने खड़ा किया एक साथ इतने सीटों पर उम्मीदवार, सीवान में हिना साहाब पर फेंका दांव

पटना. असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने बिहार में महागठबंधन के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी करनी शुरू कर दी हैं. ओवैसी की पार्टी ने गुरुवार को घोषणा की कि वे बिहार के सीमांचल के लोकसभा सीटों के अतिरिक्त राज्य की 5 और सीटो पर चुनाव लड़ेगी. AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने पटना में यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी पहले भी 11 सीटो पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. अब नई घोषणा के तहत काराकाट, गोपालगंज, दरभंगा, पाटलिपुत्र और शिवहर से चुनाव लड़ेगी. साथ ही मधुबनी को लेकर भी उम्मीदवार उतारने पर विचार किया जा रहा है. 

अल्पसंख्यक पर नजर : उन्होंने कहा कि बिहार के अल्पसंख्यकों की हालत बेहद खराब है. यहां तक कि जाति गणना रिपोर्ट में भी यह निकलकर सामने आया था कि बिहार में दलितों से भी ज्यादा खराब स्थिति अल्पसंख्यकों की है. ऐसे में दलितों और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करने और उन्हें अधिकार दिलाने के लिए उनकी पार्टी बिहार में ज्यादा से ज्यदा सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार है. उन्होंने कहा कि जल्द ही कुछ और सीटों को लेकर AIMIM बड़ी घोषणा करेगी. फ़िलहाल सीमांचल के अतिरिक्त काराकाट, गोपालगंज, दरभंगा, पाटलिपुत्र और शिवहर से उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया गया है. 

शहाबुद्दीन की पत्नी हिना को समर्थन : अख्तरुल ईमान ने सीवान के दिवगंत सांसद शहाबुद्दीन को लेकर बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि AIMIM के दरवाजे शहाबुद्दीन की पत्नी हिना साहाब के लिए खुले हुए हैं. अगर हिना चुनाव लड़ती है तो उनकी पार्टी उन्हें समर्थन करेगी. हिना चाहे निर्दलीय भी मैदान में उतरती हैं तो AIMIM का समर्थन रहेगा. उन्होंने कहा कि अगर हिना उनके दल में आती हैं तो वे स्वागत करेगी. हालांकि सीवान से चुनाव में हिना को उतारने पर फ़िलहाल पार्टी ने कोई निर्णय नहीं लिया है. 

दरअसल, बिहार में मुस्लिमों के वोटों को साधने में अब तक लालू यादव सफल होते रहे हैं. उनका एम-वाई समीकरण यानी मुस्लिम-यादव गठजोड़ सियासी सफलता दिलाने में मुख्य सहायक रहा है. साथ ही कांग्रेस को भी मुस्लिमों का वोट साधने के लिए जाना जाता है. यहां तक कि लोकसभा चुनाव 2019 में एकमात्र सीट किशनगंज पर कांग्रेस को सफलता मिली थी जो मुस्लिम बहुल इलाका है. ऐसे में अब AIMIM के कई सीटों पर उम्मीदवार उतारने से यह राजद-कांग्रेस को बड़ा झटका माना जा रहा है. 

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