दिल्ली- बिहार की सियासत का पारा हाई है. पॉलिटिकल टेंपरेचर बढ़ने का कारण है नीतीश के एनडीए में शामिल होने के कयास . सवाल है कि नीतीश का अगला कदम क्या होगा, क्या नीतीश आज, कल या परसों इस्तीफा देंगे या केवल अफवाहों का बाजार है ये सब.क्या नीतीश कुमार फिर पलटी मारेंगे? इस तमाम अटबाजियों के पीछे कारण है.पिछले कुछ दिनों में बिहार में काफी कुछ बदल गया है. अचानक से नीतीश-लालू की दोस्ती में दरार दिख रही है, जदयू और राजद में दिल नहीं मिल रहे हैं, इंडी गठबंधन में भी विवाद बढ़ सा गया है. नीतीश ने पहले भी ऐसी पलटियां मारी हैं, सभी को चौकाते हुए कई बार गठबंधन बदले हैं. इस बार भी कई ऐसे तथ्य दिखाई दे रहे हैं जिससे अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.
भाजपा ने पहले कहा था कि नीतीश के लिए उसके दरवाजे बंद हैं. नीतीश के एनडीए में शामिल होने को लेकर कथित तौर पर गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार को लेकर अपने घर पर बैठक किया. विनोद कांगड़े, सुशील मोदी,सम्राट चौधरी, विजय चौधरी समेत बिहार भाजपा के नेताओं से विचार विमर्श हुआ.
सबसे बड़ी बात है कि कापी दिनों बाद सांसद सुशील मोदी अमित शाह के बैठक में शामिल हुए थे. भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद सुशील मोदी ने नीतीश के एनडीए में शामिल होने पर कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है, राजनीति में कभी भी दरवाजे बंद नहीं होते हैं. अगर बंद होते हैं तो खुलते भी है.
बहरहाल सुशील मोदी ने अप्रत्यक्ष तौर पर कह दिया है कि नीतीश कुमार अगर भाजपा में आते हैं तो उनका स्वागत है. नीतीश के लिए भाजपा के लिए दरवाजे बंद नहीं है. सुशील मंोदी के बयान के बाद बिहार में सियासी गतिविधियां बढ़ गई हैं.
दिल्ली से धीरज की रिपोर्ट