LUCKNOW : दो दिन पहले यूपी सरकार ने भाजपा नेता व मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को राज्य महिला आयोग के उपाध्यक्ष बनाने की घोषणा की थी। वहीं अब खबर आ रही है कि लगभग ढाई साल से बड़े पद का इंतजार कर रही अपर्णा यादव इससे खुश नहीं हैं। दावा है कि अपर्णा महिला आयोग की उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने को तैयार नहीं हैं। यही नहीं जिस तरह से योगी सरकार ने ढाई साल से जिस तरह अपर्णा को नजर अंदाज किया, उसके बाद चर्चा है कि वह भाजपा का साथ छोड़कर फिर से अपने ससुर स्व. मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकती हैं।
चाचा के साथ संपर्क में
सूत्रों के मुताबिक अपर्णा, चाचा शिवपाल यादव के जरिए सपा के संपर्क में हैं. सूत्रों के अनुसार ढाई साल की मेहनत और विरासत के मुताबिक पद नहीं मिला और अब उन्हें पद दिया गया तो उन्हें महिला आयोग का उपाध्यक्ष बना दिया गया. अपर्णा इसे अपने कद के अनुसार नहीं मानती है. बड़ी बात ये है कि अपर्णा यादव ने बीजेपी में रहते हुए भी कभी अखिलेश यादव और डिंपल यादव के खिलाफ कुछ नहीं बोला. ऐसे में अब उनके सपा के साथ आने की चर्चा तेज होने लगी है.
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में हुईं थी शामिल
अपर्णा यादव ने 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव से नाराज होकर समाजवादी पार्टी छोड़ दी थी. इसके बाद से कयास लग रहे थे कि बीजेपी उन्हें लखनऊ कैंट सीट से टिकट दे सकती है लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद निकाय चुनाव में भी उनके नाम की चर्चा हुई और उन्हें मेयर का टिकट का दावेदार बताया गया पर इस बार भी उनके हाथ खाली रहे. अपर्णा लोकसभा चुनाव भी लड़ना चाहती थी लेकिन बीजेपी ने उन्हें मौका नहीं दिया.
इस अपर्णा ने हर चुनाव में बीजेपी के समर्थन में खूब प्रदर्शन किया, जहां भी पार्टी ने उन्हें चुनाव प्रचार के लिए भेजा वो वहां गई. इनमें कई ऐसी सीटें थीं जो यादव बहुल थी. यही नहीं लोकसभा चुनाव में वो आज़मगढ़ सीट पर जेठ धर्मेंद्र यादव के खिलाफ भी दिनेश लाल यादव के पक्ष में चुनाव प्रचार करते दिखाई दीं थी. हालांकि इस दौरान भी वो यादव परिवार पर बोलने से बचती दिखीं.
बता दें अपर्णा यादव जब से बीजेपी में आईं तब से उन्होंने कभी सपा मुखिया और यादव परिवार के खिलाफ कभी तीखा हमला नहीं बोला. सपा की ओर से भी उनके खिलाफ कभी तीखी बयानबाज़ी देखने को नहीं मिली.