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1 अप्रैल को इस कारण बनाया जाता है अप्रैल फूल, 640 साल पहले 32 मार्च को मनाया गया था मूर्ख दिवस

1 अप्रैल को इस कारण बनाया जाता है अप्रैल फूल, 640 साल पहले 32 मार्च को मनाया गया था मूर्ख दिवस

DESK. 1 अप्रैल को भारत सहित दुनिया के अधिकांश देशों में इसे मुर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह अपने आप में अनोखा अवसर होता है जब लोग एक दिन विशेष को मुर्ख दिवस के तौर पर न सिर्फ मनाते हैं बल्कि इसे लेकर खूब हंसी मजाक भी होता है. लेकिन एक बड़ी बात है कि आखिर एक अप्रैल को मुर्ख दिवस क्यों मनाया जाता है. इसके पीछे भी एक अनोखा किस्सा है. माना जाता है कि पहली बार मूर्ख दिवस मनाने का किस्सा करीब 640 साल से ज्यादा पहले का है. 

यह किस्सा 1381 इसवी से जुड़ा है. माना जाता है कि अप्रैल फूल डे मनाने का सबसे बड़ा कारण इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी हैं जिन्होंने 32 मार्च 1381 में अपनी शादी करने का ऐलान किया था. शादी की खबर से जनता में बेहद खुशी का माहौल रहा. हालांकि कलैंडर में 32 मार्च कोई तारीक नहीं होती. राजा-रानी ने अपनी शादी की झूटी सूचना देकर लोगों को बेवाकूफ बनाया था, तभी से इस दिन को मनाने की शुरूआत हुई. 32 मार्च कोई दिन नहीं होता इसलिए एक अप्रैल को अप्रैल फूल डे के तौर पर मनाया जाने लगा.

एक अन्य प्रचलित किस्से के अनुसार अप्रैल फूल से जुड़ी एक और कहानी ये है कि फ्रांस में 1582 में पोप चार्ल्स ने पुराने कैलेंडर की जगह नया रोमन कैलेंडर शुरू किया था, इसके बाद भी कुछ लोग पुरानी तारीख पर ही नया साल मनाते जा रहे थे. जो लोग पुराने कलैंडर के मुताबिक ही नया साल मनाते जा रहे थे, उन्हें अप्रैल फूल्स कहा गया.

दुनिया भर में उस समय ब्रिटिश और फ्रांस के साम्राज्य का विस्तार हो रहा था जो अगले दो सौ साल में खूब विस्तारित हुआ. इसी दबदबा का असर हुआ कि दुनिया में जहाँ जहाँ ब्रिटिश और फ्रांस का शासन आया वहां वहां अप्रैल फूल मनाया जाने लगा. 


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