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बहन की बलात्कार ने बनाया नक्सली, मां की मौत ने कराया सरेंडर, अद्भूत है इसकी कहानी

बहन की बलात्कार ने बनाया नक्सली, मां की मौत ने कराया सरेंडर, अद्भूत है इसकी कहानी

रांची। अभी तक प्राइवेट कंपनियों में काम करनेवाले लोगों की यह शिकायत रहती है कि उन्हे कई महत्वपूर्ण अवसरों पर छुट्टी नहीं मिलती है। जिसके कारण कई बार लोग गुस्से में नौकरी तक छोड़ देते हैं। लेकिन अगर हम कहें कि किसी नक्सली ने सिर्फ इसलिए पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया कि क्योंकि संगठन  ने उसे छुट्टी नहीं दी। जिससे वह दुखी था।

मामला रांची का है, जहां बताया गया कि जोनल कमांडर जीवन कंडुलना उर्फ पतरस कंडुलना ने रविवार को न्यू पुलिस लाइन सभागार में उपायुक्त छवि रंजन तथा एसएसपी एसके झा के समक्ष राइफल के साथ सरेंडर कर दिया. वह खूंटी के रनिया थाना के जापुद (जयपुर) का रहनेवाला है़। कुछ समय पहले मां बिरसिनिया कंडुलना को कैंसर होने पर संगठन से कोई मदद नहीं मिली, तो उसने संगठन छोड़ने का मन बनाया और सरेंडर कर दिया़. उसने बताया कि मां की मौत होने पर भी उसे छुट्टी नहीं दी गयी. नतीजतन मां का अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाया, जिससे मन काफी आहत हुआ।

बहन से दुष्कर्म के बाद हत्या ने बनाया था नक्सली

नक्सली कंडूलना के सरेंडर करने की वजह जितनी रोचक है, उतनी ही दर्दनाक उसके नक्सली बनने की कहानी भी है.  एक जनवरी 2009 को कंडूलना की बहन सुभाषी कंडुलना की चार युवकों ने दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी। उस समय वह जालंधर में काम रहा था। बहन की हत्या की जानकारी होने के बाद वह वापस आया़ उसके बाद भाकपा माओवादी के निर्मल व प्रसाद जी उर्फ कृष्णा अहीर से संपर्क किया और निर्मल के दस्ता में शामिल हो गया. उसके बाद बहन के साथ दुष्कर्म करने वाले दो युवक मध्यम कुमार व राजकिशोर की हत्या कर बदला लिया. 

77 मामले मे आरोपी है कंडूलना

जीवन मुख्य रूप से चक्रधरपुर, चाईबासा, खूंटी, रांची में सक्रिय रहा. उस पर चाईबासा के सोनुवा, टोकला, गुदड़ी, कराईकेला, टैबो, चक्रधरपुर, खूंटी के रनिया, अड़की रांची के तमाड़ में हत्या, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आर्म्स एक्ट, 17 सीएलए एक्ट के 77 से अधिक मामले दर्ज है़ं। सरकार ने उसके खिलाफ दस लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था। सरेंडर के दौरान जीवन की पत्नी और छह साल की बच्ची भी उसके साथ थी़ जानकारी के मुताबिक जीवन कंडुलना के कुछ लोगों ने लॉकडाउन के दौरान ही एसएसपी व ग्रामीण एसपी नौशाद आलम से संपर्क कर जीवन के सरेंडर के संबंध में बताया था।  सरेंडर पॉलिसी के तहत उसे दो लाख रुपये का चेक दिया गया़ सरेंडर के बाद उसने सेंट्रल कमेटी (सीसी) व रिजनल कमेटी (आरसी) माओवादियों से भी सरेंडर करने की अपील की है. उसने कहा कि सीसी व आरसी के नेता केवल नीचे वालों का इस्तेमाल करते हैं। 

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