PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रचार से चिढ है। वे सिर्फ काम में विश्वास करते हैं, प्रचार में नहीं। अपनी हर सभाओं में वे यह बात कहने से नहीं चूकते। आज फिर से नीतीश कुमार ने ये बातें कही।उन्होंने कहा कि हमलोगों के पास बिना मतलब का नहीं है, यानी उनका कहना था कि प्रचार के लिए हमलोगों के पास पैसे नहीं हैं। बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पता नहीं वे लोग प्रचार के लिए कहां से (पैसा) लाते हैं. जिस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ये बातें कह रहे थे,उसी कार्यक्रम के प्रचार के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया था। जिस कार्यक्रम में नीतीश कुमार भाषण दे रहे थे,उसे लाईव प्रसारित किया जा रहा था। सरकार ने बिहार के दो चैनलों को इसके लिए हायर किया था। बजाप्ता विज्ञापन बिहारवासियों को इसकी जानकारी दी गई थी। इसके अलावे उस कार्यक्रम के लिए बिहार के सभी अखबारों में लाखों रू का विज्ञापन दिया गया था। आप समझ सकते हैं कि कथनी और करनी में कितना अंतर है।
कथनी और करनी में अंतर
बिहार में नौकरी की राजनीति चल रही है। लिहाजा यह दिखाने की कोशिश है कि सरकार बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दे रही। अगर नौकरी की बात हो तो प्रचार तो जरूरी है। लिहाजा नीतीश सरकार ने नवनियुक्त राजस्व कर्मचारियों का नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का खूब प्रचार किया। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से संबंधित नियुक्ति पत्र के वितरण समारोह में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र और भाजपा पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने मीडिया में खुद की जगह नहीं मिलने से परेशान दिखे। साथ ही केंद्र सरकार पर बड़ा तंज कसा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग सिर्फ प्रचार करते हैं,हम काम। सीएम नीतीश ने कहा कि हम लोग कितना काम कर रहे हैं... हम लोग तो प्रचार-प्रसार वाले तो हैं नहीं. हम लोगों के पास तो बिना मतलब का है नहीं, पता नहीं कहां-कहां से लोग लाते हैं. दूसरे की खबर नहीं छपती है. आजकल तो टेलीविजन का भी क्या हाल है, समाचार पत्रों का क्या हाल हो गया है.हमलोगों की खबर एक बार दिखा देता है, बाकि टाइम में क्या चलते रहता है, क्या-क्या बोलते रहता है सब. हम लोग तो काम करते रहें हैं.
कुछ ना कुछ तो घचपच होता ही है
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज कौन सा चीज है जिस में दिक्कत हो रही है. हम तो सबको कहेंगे कि कहीं कोई दिक्कत है तो बताइए. कहीं कोई घटना घटती है तो कितना तेज़ी से एक्शन होता है.लेकिन मीडिया में फालतू चलते रहता है. आजकल बहुत तरह की बात बोलने लगा है सब.घटना दुनिया भर में घटती है। सब आदमी ठीक नहीं ना होता है, कुछ ना कुछ तो घचपच होता ही है. कुछ न कुछ तो गड़बड़ करता ही है.
सीएम नीतीश ने कहा कि हम लोग तो चाहते थे कि सर्वे सेटलमेंट का काम पांच साल में हो जाये,लेकिन नौ साल हो गये। इन लोगों ने जितना कहा उतना हमने कर्मचारियों को बहाल किया. समस्या का समाधान तो हमारे अधिकारियों करना है. हमने कहा है कि जो भी बहाली करनी है उसको करिए. बाकी का जो करना है उसे करिए. 2700 के करीब बचा हुआ है, उसका भी बहाली जल्द से जल्द कर लीजिए, हम सब लोगों को एक ही बात कहेंगे सर्वे सेटेलमेंट का काम चल रहा है. वादा है कि 2 साल के अंदर तक यह काम हो जाए. जब सर्वे सेटलमेंट हो जाएगा तो साफ हो जाएगा कि कौन किसका जमीन है. अगर यह हो जाएगा तो विवाद काफी कम जाएगा.