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हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद बंगाल में चुनाव आयोग ने रैलियों पर लगाया बैन, सिर्फ इतने लोग ही आ सकेंगे सभाओं में

हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद बंगाल में चुनाव आयोग ने रैलियों पर लगाया बैन, सिर्फ इतने लोग ही आ सकेंगे सभाओं में

KOLKUTTA : बंगाल में चुनावी सभाओं में लोगों की भीड़ के कारण कोरोना महामारी के फैलने का खतरा बना हुआ है। राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए लगातार रैलियां कर रहे हैं। ऐसे में चुनावी कैंपेन के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने पर अब इलेक्शन कमीशन ने सख्त रुख अपनाया है। EC ने गुरुवार को बंगाल में चुनाव प्रचार के लिए नई गाइडलाइन जारी की। इसके तहत रोड शो, पद यात्रा, साइकिल रैली या बाइक रैली को इजाजत नहीं दी जाएगी। वहीं आयोग के अनुसार जनसभा में 500 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं होंगे। इलेक्शन कमीशन ने कहा है कि चुनाव प्रचार के लिए हमने गाइडलाइंस जारी की थीं, लेकिन ये देखने में आ रहा है कि राजनीतिक दल इसका पालन नहीं कर रहे हैं। 

बंगाल हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

दरअसल, बंगाल चुनाव में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने को लेकर एक पीआईएल हाईकोर्ट में दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विधानसभा चुनाव में प्रचार और मतदान के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किए जाने को लेकर चुनाव आयोग की भूमिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को सख्त नाराजगी जाहिर की। हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चुनाव आयोग केवल सर्कुलर जारी कर अपनी भूमिका से पल्ला नहीं झाड़ सकता है। खंडपीठ ने सभी जिला मजिस्ट्रेट को चुनाव आयोग और CEO द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करवाने का आदेश दिया।

अब हाईकोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव आयोग ने यह फैसला लिया है

  • 1. रोड शो और पदयात्रा की मंजूरी नहीं दी जाएगी।
  • 2. साइकिल, बाइक या गाड़ियों की रैली की इजाजत नहीं दी जाएगी।
  • 3. जनसभा में 500 से ज्यादा की भीड़ इकट्ठा नहीं हो सकेगी। इसके लिए भी पर्याप्त जगह, सोशल डिस्टेंसिंग और दूसरे कोरोना नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा।
  • 4. रोड शो, पद यात्रा, साइकिल-बाइक-गाड़ियों की रैली के लिए मंजूरी अगर पहले ही दे दी गई है तो ये मंजूरी वापस ली जाती है। जनसभा के लिए अगर पहले से मंजूरी मिल चुकी है तो इसे नई गाइडलाइंस के हिसाब से करवाना होगा।

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