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बेलागंज में भागवत कथा का आयोजन, शैतान,इंसान और भगवान में फर्क बताते हुए स्वामी राम प्रपन्नाचार्य ने कहा संसार में गैया,बिलैया और मैया सब माया की गिरफ्त में...सतर्क रहें

बेलागंज में भागवत कथा का आयोजन, शैतान,इंसान और भगवान में फर्क बताते हुए स्वामी राम प्रपन्नाचार्य ने कहा संसार में गैया,बिलैया और मैया सब माया की गिरफ्त में...सतर्क रहें

GAYA : गइया, बिलइया और मैया सब माया की गिरफ्त में है। इस मामले में इंसान और पशु में तनिक भी फर्क नहीं है। बिलइया, कुतीया या बाघ अपने बच्चे को भी जबड़े से पकड़ती है लेकिन उसका एक रोयां भी नहीं टूटता है। लेकिन जब यही बिल्ली किसी चूहे को पकड़ती है तब उसकी जान नहीं बचती है। यही माया है। कुछ इसी अंदाज में श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन श्री प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने बेलागंज के बेलडीह में कहीं। 

देवीस्थान के प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर आयोजित भगवत कथा में प्रपन्नाचार्य जी ने शैतान, इंसान और भगवान के फर्क को भी बड़े सरल अंदाज में बताया। साथ ही पुत्र मोह पर भी कटाक्ष किया। कर्म फल के सिद्धांत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि कर्म के अनुसार चक्रवर्ती राजा दशरथ को भी कष्ट झेलना पड़ा था। कुछ चीजें प्रारब्ध भी होती है। उसे कोई मिटा नही सकता। इंदिरा गांधी और उनके परिवार का हवाला देते हुए कहा कि पूरा परिवार अकाल मृत्यु का शिकार हो गया। खुद गोली का शिकार हुईं। पति विमान हादसे का शिकार हुए तो पुत्र मानव बम विस्फोट में अपनी जान गंवा बैठे। इसलिए जीवन को लेकर बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं है। अपना वर्तमान ठीक रखें। भूतकाल पर विलाप यह हर्ष करने का कोई मतलब नहीं है। 

महाराज जी ने कहा कि भविष्य के लिए भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। धन संग्रह को लेकर इन्होंने कहा की आज अधिक से अधिक धन संग्रह की होड़ है। आप जैसे ही भविष्य की चिंता करते हुए अधिक से अधिक मकान और दुकान के चक्कर में फंसते हैं, वह इत्मीनान और संतोष के बदले असंतोष ही देता है। इस असंतोष से घर में अशांति और क्लेश आता है। नतीजा बड़ा ही कष्टदायक होता है। स्वामी जी ने कहा कि मकान तो बया जैसी चिड़िया भी बड़ा सुंदर बना लेती है। लेकिन वह केवल अपने लिए ही बनाती है। ऐसा नहीं है कि वह इसकी होड़ में जुट जाती है। चूहा भी अपने लिए बंकर बना कर रहता है। इसलिए आपने कोई एक बड़ा घर बना लिया तो इसका अभिमान लिए फिरते हैं। बेहतर होगा अपना कर्म ऐसा बना लें कि राजप्रसाद आपके चरणों में हो। 

भगवत कथा सुनने के लिए बेलागंज प्रखंड के दर्जन भर गांव के ग्रामीण बड़ी संख्या में जुटे थे। शाम साढ़े सात बजे से रात दस बजे तक भगवत कथा का आयोजन चला। कथा के बीच बीच में भक्तिपरक संगीत भी चल रहा था। हरमोनियम पर गायक आचार्य धर्मदत जी और ज्ञानी जी, तबला पर कौशल शर्मा, झाल पर जयप्रकाश जी थे। विकास जी, लक्ष्मण जी और सत्येंद्र जी सहयोगी कलाकार के रूप में रहे। श्रीमद् भागवत कथा की आरती के साथ कथा का समापन हुआ।  कथा की समाप्ति के बाद दूर दराज से आए लोगों को भोजन भी कराया गया। इधर, कथा स्थल के निकट मेला सा नजारा है। तरह तरह के झूले, खिलौने का बाजार, मिठाई की दुकानें सजी हैं। बच्चों के लिए यहां उत्सवी नजारा है। कथा के दौरान सभी यजमान मंच पर ही मौजूद रहे।

गया से प्रभात कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

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