भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाकर राजनीति में हासिल की बड़ी सफलता, अब भ्रष्टाचार में ही मनीष सिसोदिया बुरे फंसे ... CBI के बाद ED का शिकंजा

DESK. वर्ष 2010 के आसपास अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाकर सुर्ख़ियों में बने. उस दौरान पहले बाबा रामदेव और फिर अन्न हजारे के आंदोलनों ने देश स्तर पर इन दोनों को नई पहचान दी. वहीं भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुए गैर राजनीतिक आंदोलन को अंत में अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के बैनर तले एक राजनीतिक मुकाम में तब्दील किया. फिर दिल्ली में रिकॉर्ड जीत भी हासिल की और लगातार चुनाव दर चुनाव जीतते गए. यहां तक कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब में भी सरकार बना ली. लेकिन जिस भ्रष्टाचार के खिलाफ अरविंद और मनीष ने आवाज बुलंद की थी उसी के शिकंजे अब मनीष सिसोदिया फंसे हुए हैं. पहले सीबीआई और प्रवर्त्तन निदेशालय यानी ईडी ने मनीष की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं। आज उन्हें दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा। कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। इस बीच सीबीआई के बाद सिसोदिया पर ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है।
ईडी ने तिहाड़ जेल में दो राउंड की पूछताछ के बाद गुरुवार को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। ईडी द्वारा सिसोदिया को रिमांड पर देने की मांग कोर्ट से की जाएगी। वहीं, दिल्ली आबकारी मामले में आरोपी तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता आज जंतर-मंतर पर धरना देंगी। वह 11 मार्च को पूछताछ के लिए सीबीआई के ऑफिस में पेश होंगी। इससे पहले कविता दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन कर रहीं हैं। उनके द्वारा बुलाए गए धरना प्रदर्शन में विपक्षी दलों के कई नेता शामिल हो रहे हैं।