GAYA : कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार तथा जिला प्रशासन, गया के संयुक्त तत्वावधान में "बिहार के युवाओं में सामाजिक, नैतिक मूल्यों को सुदृढ़ करने एवं बिहार के गौरवशाली विरासत का ज्ञान वर्धन करने हेतु कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसी परिप्रेक्ष्य में गया जिला में दिनांक 20.08.2024 एवं 22.08.2024 को जगजीवन कॉलेज, मानपुर, गया में वाद विवाद, चित्रकला, नृत्य (शास्त्रीय/लोकनृत्य), गायन, वादन एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमे छात्र एवं छात्राओं द्वारा बढ़ चढ़ कर भाग लिया गया। दिनांक 23 अगस्त को पूर्वाह्न 07 बजे समाहरणालय परिसर से प्रभात फेरी निकाला गया, जिसमे जिला स्कूल के बच्चे, नेहरू युवा केंद्र, एनसीसी, स्कॉट एंड गाइड इत्यादि शामिल हुए। कार्यक्रम में कला एवं संस्कृति पदाधिकारी, सुरभि बाला, पर्यटन लिपिक राणा गौतम शामिल हुए। आज दिनांक 24 अगस्त को उप मुख्यमंत्री, बिहार विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र, बोधगया में बिहार विरासत ज्ञानोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे प्रतियोगिता में शामिल बच्चें ने भाग लिया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम जिलाधिकारी, गया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा उप मुख्यमंत्री, बिहार को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। साथ ही निदेशक, संग्रहालय, बिहार द्वारा सहकारिता मंत्री डॉ० प्रेम कुमार को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी, गया ने कहा की बिहार के युवाओं में सामाजिक, नैतिक मूल्यों को सुदृढ़ करने एवं बिहार के गौरवशाली विरासत का ज्ञान वर्द्धन करने के उद्देश्य से कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार एवं जिला प्रशासन, गया के संयुक्त तत्वावधान में बिहार विरासत ज्ञानोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री, बिहार विजय कुमार सिन्हा, मंत्री, सहकारिता विभाग, बिहार डॉ० प्रेम कुमार, एमएलसी जीवन कुमार, निदेशक, संग्रहालय एवं पुरातत्व निदेशालय, बिहार राहुल कुमार, जिला स्तरीय पदाधिकारी, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि, छात्र एवं छात्राओं। आप सबों का इस कार्यक्रम में हार्दिक स्वागत है। आपको बता दें कि बिहार विरासत ज्ञानोत्सव कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को बिहार के पौराणिक, ऐतिहासिक विरासत के बारे मे जानकारी प्रदान करना तथा उनकी सुरक्षित बनाए रखने हेतु प्रेरित करना है। वैदिक एवं पौराणिक काल से बिहार अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक वैभव के लिए प्रसिद्ध रहा है। विदेहराज जनक, महर्षि विश्वामित्र, महान नीतिज्ञ चाणक्य, सम्राट चन्द्रगुप्त एवं सम्राट अशोक की यह गौरवशाली भूमि है। धार्मिक रूप से भी बिहार की विशिष्ट पहचान रही है। यह भूमि जगत जननी माँ जानकी, महात्मा बुद्ध, तीर्थकर भगवान महावीर और गुरू गोविन्द सिंह जी, महराज की पावन धरती है। लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा, श्रावणी मेला, महमास मेला, पितृपक्ष मेला, मकर संक्रांति मेला, महाबोधि मंदिर, पावापुर जल मंदिर, तख्त श्री हरि मंदिर जी पटना साहिब बिहार के धार्मिक धरोहर की पहचान है, जिससे धार्मिक सद्भावना और धार्मिक बंधुता विकसित होने के सुअवसर मिले है। बिहार एक युवा प्रदेश है। प्रदेश में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। बिहार की सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक, साहित्सक परम्परा एवं विरासत काफी समृद्ध एवं गौरवशाली रही है। ऐसे में बिहार के युवाओं में सामाजिक नैतिक मूल्यों को सुदृढ़ करने एवं बिहार के गौरवशाली विरासत को अक्षुण्ण रखने हेतु जिले के अंतर विद्यालय, महाविद्यालय के विद्यार्थियों के बीच दिनांक-20 एवं 22 अगस्त को वाद-विवाद, नृत्य, गायन, वादन, चित्रकला एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन जगजीवन कॉलेज, गया में किया गया। दिनांक 23 अगस्त को समाहरणालय परिसर से गांधी मैदान तक प्रभात फेरी का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों द्वारा बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया गया।
निदेशक, संग्रहालय एवं पुरातत्व विभाग राहुल कुमार ने संबोधन में बताया की आज के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को अपने बिहार के विरासत को स्मरण रखने के लिए गया जिला में विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है, ताकि बच्चों के बीच कला एवं संस्कृति को रेखांकित किया जा सके। उन्होंने कहा की भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन किए जायेंगे। उप मुख्यमंत्री, बिहार सह मंत्री, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार विजय कुमार सिन्हा द्वारा बिहार के विभूतियों पर चर्चा किया गया। उन्होंने बच्चों के साथ वाद विवाद करते हुए बिहार की विरासत, सांस्कृतिक, भाषा पर चर्चा किया गया। उन्होंने सभी को संकल्प दिलाया की "हमारा परिवार पाँच सामाजिक अभिशापों से मुक्त होगा। हमारा परिवार नशा मुक्त होगा। हमारा परिवार अपराध मुक्त होगा। हमारा परिवार बाल श्रम मुक्त होगा। हमारा परिवार बाल विवाह मुक्त होगा। हमारा परिवार दहेज मुक्त होगा। हमारा परिवार पाँच सामाजिक वरदानों से युक्त होगा। हमारा परिवार स्वच्छता युक्त होगा। हमारा परिवार योग आयुर्वेद युक्त होगा। हमारा परिवार जल संचय युक्त होगा। हमारा परिवार प्रकृति युक्त होगा। हमारा परिवार विरासत युक्त होगा। हमारा परिवार पाँच सामाजिक सम्मानों से पूर्ण होगा। हमारा परिवार डिजिटल साक्षर होगा। हमारा परिवार स्वरोजगार प्रेरक होगा। हमारा परिवार रोजगार सृजनकर्त्ता होगा। हमारा परिवार सामाजिक योद्धा होगा। हमारा परिवार सेवा समर्पणदाता होगा। मैं और मेरा परिवार समाज के नवनिर्माण एवं राष्ट्र के उत्थान हेतु इस संकल्प के प्रति सदैव समर्पित रहेंगे। उपमुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी बच्चों, अभिभावकों, शिक्षकों एवं अन्य को कार्यक्रम में रुचि दिखाने के लिए धन्यवाद दिया।
मंत्री, सहकारिता विभाग, बिहार डॉ० प्रेम कुमार ने कहा की बिहार विरासत ज्ञानोत्सव कार्यक्रम एक ज्ञान वर्धन कार्यक्रम है। इससे युवा पीढ़ी को अपनी विरासत, सांस्कृतिक, भाषा, सभ्यता को याद रखने में सफल साबित होगा। उन्होंने भारत सरकार के परियोजना महाबोधि मंदिर - विष्णुपद कॉरिडोर के निर्माण के बारे में बताया की जिससे पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।
गया से संतोष की रिपोर्ट