कटिहार- में छपरा से आकर बिंद समाज के लोग महापर्व छठ के मौके पर डाला तैयार करने का काम करते हैं ,दरअसल इन लोगो के पूर्वज भी पुश्तैनी रूप से छपरा से कटिहार आ कर डाला बनाने का काम छठ पूजा के लिए करते थे. इसी परंपरा को निभाते हुए अब भी वहां के लगभग एक दर्जन लोग दशहरा के बाद से छठ पूजा तक कटिहार आ कर डाला निर्माण कार्य करते हैं.
कटिहार के नाका नंबर दो डहरिया के इस फील्ड में रहकर यह लोग डाला निर्माण का कार्य कर रहे हैं. वर्षों के परंपरा निभाते हुए आज भी अपने पूर्वजों के परंपरा निभाते हुए छपरा से कटिहार पहुंचकर वहां के डाला निर्माण का कार्य कर छठ से पहल चले जाते हैं, इस दौरान इन लोगों के द्वारा निर्माण किया गया डाला का कटिहार में खास डिमांड होने के कारण उन लोगों को मुनाफा भी ठीक-ठाक हो जाता है, अपने जाति का हवाला देते हुए यह लोग कहते हैं कि वह लोग सिर्फ डाला निर्माण करते हैं सूप नहीं तैयार करते हैं.
कटिहार में महापर्व के मौके पर अपने पूर्वजों के अनोखे परंपरा को निभाते हुए इस बार भी हवाई अड्डा नाका नंबर दो के इस मैदान में लगभग एक दर्जन लोग आकर यहीं रहकर डाला निर्माण का कार्य कर रहे हैं,अपने पूर्वजो के परंपरा को निभाते हुए डाला निर्माण करते हैं.