Desk: पटना से रक्सौल गई पुलिस की टीम ने वहां के एक होटल में छापेमारी कर राजद के पूर्व एमएलसी ललन श्रीवास्तव के बेटे अविनाश समेत तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया. पकड़ा गया आरोपित अविनाश श्रीवास्तव पटना के कंकड़बाग स्थित एमआईजी कॉलोनी का रहनेवाला है. पुलिस की जांच में पूर्व एमएलसी का बेटा शार्प शूटर निकला है. पुलिस रिकार्ड में उसके खिलाफ हत्या के 20 से अधिक मामले दर्ज पाये गये हैं.
पुलिस के मुताबिक, वह परिवार के साथ नेपाल भागने की फिराक में था. शूटर अविनाश श्रीवास्तव अपनी मां कंचन सिन्हा के साथ बुधवार को रक्सौल पहुंचा था. बताया गया है कि पटना पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि वह नेपाल भागने की फिराक में है. उसी आधार पर पुलिस ने बुधवार की रात छापेमारी कर अविनाश समेत नेपाल के परसौनी के निवासी व एक स्थानीय निवासी को गिरफ्तार कर लिया. गुरुवार को तीनों आरोपितों को पुलिस पटना ले गई. उस पर पहले से 20 से ज्यादा हत्या का मामला चल रहा था.
पुलिस के मुताबिक अविनाश के पिता की वर्ष 2002 में हत्या की कर दी गई थी. पिता की हत्या का बदला लेने के लिए वह अपराध जगत में कुख्यात हो गया. रक्सौल इंस्पेक्टर अभय कुमार ने बताया कि किस आरोपित की गिरफ्तारी हुई है, उन्हें जानकारी नहीं है. पटना पुलिस ने सहयोग मांगा था, जिसके बाद रक्सौल पुलिस ने केवल पटना पुलिस का सहयोग किया.
पुलिस की मानें तो पकड़े गये आरोपित अविनाश का गढ़ हाजीपुर रहा है. हाजीपुर की कई बड़ी वारदातों में वह शामिल रहा है. हाजीपुर में उसके द्वारा मुईन खान को गोली मारी थी. पटना के गर्दनीबाग में वर्ष 2018 को पटना की पूर्व डिप्टी मेयर अमरावती देवी के पति व पूर्व वार्ड पार्षद दीना गोप की हत्या में भी वह शामिल बताया जा रहा है. उसके द्वारा जितेंद्र गोप, राजू गोप की भी हत्या में वह शामिल रहा है. हाल ही में अविनाश जिउतिया के दिन हाजीपुर जेल से छूटा है. जेल से निकलने के बाद वह नेपाल भागने के फिराक में था. पटना पुलिस की स्पेशल टीम इसके मूवमेंट पर नजर बनाए हुई थी. मोबाइल का लोकेशन लेने के साथ ही मोबाइल को सर्विलांस पर ले रखा था. पुलिस से बचने के लिए उसे मां लेकर सिलीगुड़ी लेकर चली गई थी. बाद में फिर वह बिहार लौट गया. 2016 में हाजीपुर पुलिस ने उसे एक बैंक में चोरी करने के दौरान पकड़ा था. पुलिस ने जब उससे पूछताछ की थी तो उसने कहा कि गूगल में साइको किलर सर्च करें. पुलिस ने सर्च किया तो दंग रह गई.
दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से एमसीए करने के बाद इनफोसिस कंपनी में नौकरी कर चुका अविनाश उससमय अपराध जगत में कदम रखा, जब वर्ष 2002 में हाजीपुर में उसके पिता एवं तत्कालीन एमएलएसी लाला ललन श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.