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बिहार में शिक्षक नियोजन भी किसी 'विशेष प्रयोजन' के तहत,सूबे में अड़ंगे का व्यवसाय चल रहा-मनोज झा

बिहार में शिक्षक नियोजन भी किसी 'विशेष प्रयोजन' के तहत,सूबे में अड़ंगे का व्यवसाय चल रहा-मनोज झा

PATNA: बिहार में प्राइमरी स्कूलों में करीब 94 हजार शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया साल भर से चल रही, लेकिन आज तक सफलता नहीं मिली है। शिक्षक अभ्यर्थी आस लगाए बैठे हैं कि अब सब कुछ ठीक होगा लेकिन मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा।अब पटना हाईकोर्ट ने नियोजन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।लिहाजा अंतिम चरण में पहुंचने के बाद भी शिक्षकों का नियोजन का कार्य ठप हो गया है।सरकार पर बढ़ते दबाव के बाद कक्षा 6-8 तक के लिए नियोजन की प्रक्रिया चालू रखने और सिर्फ नियोजन पत्र जारी नहीं करने का आदेश दिया गया है।लेकिन वर्ग 1-5 तक के लिए तो पूरी प्रक्रिया ही बाधित है।

बिहार में शिक्षकों के नियोजन पर बार-बार ग्रहण लगने से शिक्षक अभ्यर्थी काफी गुस्से में हैं।कैंडिडेट्स हर जगह गुहार लगा रहे कि आखिर कितने दिनों में नियोजन का काम पूरा होगा।अभ्यर्थियों का कहना है कि बिहार मे 94000 प्राथमिक शिक्षक की बहाली प्रक्रिया एक साल से चल ही रही है।हमलोग d. El.ed और CTET पास कर के एक साल से मानसिक रूप से परेशान हैं।लेकिन बहाली में कोई न कोई अडंगा लग जा रहा।

सांसद मनोज झा ने बोला हमला

राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इस मसले पर सरकार को घेरा है। वे शिक्षक अभ्यर्थियों के पक्ष में खड़े हो गए हैं। राजद सांसद ने ट्वीट कर बिहार सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बिहार में नियोजन भी किसी 'विशेष प्रयोजन' के तहत ही घोषित की जाती है.विज्ञापन से लेकर आखिरी चरण तक अड़ंगे का व्यवसाय है. अलग-अलग महकमों में कार्यरत कर्मियों का मानदेय बकाया है. सरकार अगर जन सरोकार से विमुख होने को अपनी नैसर्गिक प्रवृति बना ले तो क्या कहा जाए? 


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