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बिहार में नहीं बन रहा ड्राइविंग लाइसेंस, अब बंगाल और झारखंड से आसानी से लाइसेंस बनवा कर आ जा रहे बिहारी...

बिहार में नहीं बन रहा ड्राइविंग लाइसेंस, अब बंगाल और झारखंड से आसानी से लाइसेंस बनवा कर आ जा रहे बिहारी...

Bihar News: बिहार के लोग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए पड़ोसी राज्य बंगाल और झारखंड पर निर्भर है। दरअसल, बिहार के सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी लोगों को समय से नहीं मिल रहा है। लोगों को कागजी प्रक्रिया और फीस देने के बाद भी डीटीओ कार्यालय का महीनों चक्कर लगाना पड़ा रहा है। वहीं दूसरी ओर पड़ोसी राज्य से लोग आसानी से इसे बनवा कर आ जा रहे हैं। इससे प्रदेश के राजस्व को बड़ी क्षति हो रही है। 

डीटीओ कार्यालय का चक्कर काट रहे लोग

बताया जा रहा है कि बिहार में कई जिलों के लोग ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी बनवाने के लिए महीनों तक डीटीओ कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। वो सारी कागजात और फीस भी समय से देने के बावजूद उनके ड्राइविंग लाइसेंस समय से नहीं बन रहे हैं। वहीं डीटीओ कार्यालय में कार्ड प्रिंट करने वाले एजेंसी के ऑपरेटर का कहना है कि तकनीकी दिक्कत के कारण कार्ड सादा ही प्रिंट होकर बाहर निकल रहा है। 


नए ट्रैफिक नियम के बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की होड़ मची

कई लोग जो बाहर रहकर काम कर रहे हैं उनका कहना है कि कई महीनों से उनकी ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन रहे थे जिसके कारण वो अपने कंपनी के आधार पर पता बदलवाकर अपना ड्राइविंग लाइसेंस वहीं बना ले रहे जहां वो काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बिहार में नए ट्रैफिक नियमों के जारी होने और जुर्माने में बड़ा इजाफा किए जाने के बाद से ड्राइविंग लाइसेंस, प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाने वालों की संख्या बढ़ गई है। बिहार के अमूमन सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी बनाने की रफ्तार काफी धीमी है। जिसका खामियाजा सड़कों पर आम लोगों को प्रतिदिन उठाना पड़ रहा है। 

प्रिंट नहीं हो रहा ड्राइविंग लाइसेंस 

इसकी मुख्य कारण यह है कि संबंधित जिले के जिला परिवहन कार्यालय और आरसी ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंट करने वाली एजेंसी के बीच तालमेल के अभाव में लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी का प्रिंट नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अमूमन प्रत्येक जिले के जिला परिवहन कार्यालय में 5 से 10 हजार की संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस और ठीक इतनी ही संख्या में आरसी पेंडिंग है। बिहार के सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस पेंडिंग है। 

पेंडिंग ड्राइविंग लाइसेंस-भागलपुर - 6891, मुंगेर - 9081, लखीसराय - 677, मधेपुरा - 697,कटिहार - 727,अररिया - 887, सहरसा - 1829, खगड़िया - 1939, पूर्णिया - 2058, बांका - 2223, सुपौल - 2787, बेगूसराय - 4245, भोजपुर - 1278, गोपालगंज - 8240, बेतिया - 5678, मोतिहारी - 5227, रोहतास - 4888, वैशाली - 4247, सीवान - 4350, छपरा - 3895, सीतामढ़ी - 3551, गया - 3472, पटना - 3051, भभुआ - 2861, नवादा - 2245, मधुबनी - 2194, नालंदा - 2099, शिवहर - 1498, दरभंगा - 1283, औरंगाबाद - 277, शेखपुरा - 450, अरवल - 562, बक्सर - 578, जहानाबाद - 697। इस तरह पूरे बिहार में 1 लाख 28 हजार 492 ड्राइविंग लाइसेंस पेंडिंग है।

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