KATIHAR: बिहार में पंचायत चुनाव की दस्तक के बीच मुखिया, सरपंच एवं अन्य पदों के लिए प्रतिनिधियों की तैयारी जारी है। सभी जनप्रतिनिधियों के मन में इस वक्त केवल एक ही बात चल रही है, कि किस तरह से उनके चुनाव प्रचार का तरीका सबसे अलग हो, और ज्यादा से ज्यादा जनता उनसे प्रभावित हो।
इसी उम्मीद से जनप्रतिनिधियों ने विभिन्न तरह के दांव पेंच लगाना भी शुरू कर दिया है। लोगों का मानना है कि अब दुनिया हाईटेक हो गई है, ज्यादा समझदार हो गई है। ऐसे में पुराने तरीके और लुभावने वादों से अब काम नहीं चलने वाला है। इसी कड़ी में उम्मीदवारों की मदद के लिए आगे आए हैं कटिहार के दो मित्र, मुन्ना और मनोज।
डिजिटल दौर का अलग अंदाज
प्रचार बाजार पर कब्जा जमाने की तैयारी मुन्ना और मनोज ने कर ली है। इन लोगों की मानें तो डिजिटल होते इस दौर में अब ग्रामीण चुनाव में भी प्रचार के तरीके पूरी तरह हाईटेक हो गया है। आसान शब्द और आम बोलचाल की भाषा में गाना बनवा कर सोशल मीडिया या अन्य प्रचार माध्यम में डालकर प्रचार को ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकता है। इसके लिए इनकी तैयारी शुरू भी हो गई है।
20 सालों से अनवरत चल रहा है व्यवसाय
मुन्ना और मनोज लगभग 20 सालों से भी अधिक समय से इस व्यवसाय से जुड़े हुए है। इसके लिए वो दोनों बाकायदा अपने स्टूडियो में गाना और म्यूजिक ट्रैक तैयार करने में अभी से जुटे हुए हैं। हालांकि अब तक प्रत्याशियों के चुनाव चिन्ह और नाम सामने नहीं आने पर तैयारी धीमी जरूर है। इसपर मनोज कहते हैं उन लोगों का प्रचार का बाजार बहुत दूर-दूर तक है। इसलिए अभी से ही कई तरह से अपने आप को तैयार करके रख रहे हैं। वहीं इस बार ईवीएम के माध्यम से वोटिंग को लेकर खास तैयारी पर मुन्ना कहते हैं इसके लिए एक डम्मी ईवीएम का प्रारूप बनाया गया है। जिसके सहारे प्रत्याशी नाम,चुनाव चिन्ह और अपने फोटो से वोटरों को परिचित करवाया जा सकते हैं।