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Bihar News : आवास योजना में बड़ा घोटाला, जो गांव में नहीं, उन्हें मिला लाभ, बिना निर्माण के ही करा दिया पैसों का भुगतान, लिस्ट में ऐसे 80 लोग शामिल

Bihar News : आवास योजना में बड़ा घोटाला, जो गांव में नहीं, उन्हें मिला लाभ, बिना निर्माण के ही करा दिया पैसों का भुगतान, लिस्ट में ऐसे 80 लोग शामिल

 पटनासिटी (patnacity) : बिहार में एक और घोटाला हुआ है। राजधानी पटना में जहां पर पूरा का पूरा मंत्रालय बैठता हो, जहां मुख्यमंत्री महोदय खुद बैठते हों, पूरा का पूरा प्रशासननिक अमला बैठता हो। उन्ही लोगों के नाक के नीचे करीब लाखों रुपये का पीएम आवास घोटाला हो गया है। हम बात कर रहे हैं (patna sadar) पटना सदर से महज कुछ ही दूरी सबलपुर पंचायत की जहां पर यह बड़ा घोटाला सामने आया है। जिन लोगों के उपर यह जिम्मेदारी दी गयी थी कि एक एक लाभुक की जांच पड़ताल कर के सही लोगों के हाथ मे पीएम आवास (pmay scam) का रकम पहुंचाना है। उन्हीं लोगों ने इस घोटाले को बढ़ावा दिया है। 


 न्यूज़4नेशन को इस घोटाले की पड़ताल करने और इस घोटाले को ऊपर करने में करीब 15 दिनों से ज्यादा समय लग गए,लेकिन अंततः हम इस घोटाले को उजागर करने में कामयाब हो गए। पीएम आवास से सम्बंधित घोटाले के सारे दस्तावेज न्यूज़4नेशन के पास है। जो इस घोटाले की सच्चाई को बताता  है। पटना सदर के कार्यालय द्वारा हाई लेबल जांच रिपोर्ट तैयार की गई है। 2017-20 के बीच आवंटित पीएम आवास में  करीब 80 लोगों को लिस्टिंग किया गया है जिसमे वैसे लोग शामिल है। जिनका नाम इस लिस्ट में तो है। लेकिन आपको इस पंचायत में वो खोजने से नही नही मिलेंगे, वैसे लोगों का भी नाम है जिनका नाम इस लाभुक की सूची में तो है लेकिन उन्हें इंदिरा आवास का एक रुपया अभी तक नही मिला है,अलबत्ता उनके नाम पर किसी दूसरे शख्स ने लाभूक का पैसा उठा लिया। इस घोटाले में वैसे लोगों को आवास की रकम मुहैया करा दी गयी। जो इस पंचायत में बिहार के किसी अन्य जगह से आकर किरायेदार के रूप में रहते थे। उन्हें इसका लाभ दिला दिया गया। 

इस पड़ताल में यह बात सामने आई कि जिस लाभुक ने इंदिरा आवास का लाभ उठाया उनका नाम भी इसमे है लेकिन उनके माता पिता का नाम,एड्रेस अंकित हीनहीं है, मतलब यह कि आप इन्हें पंचायत में चाह कर भी नही खोज पाएंगे,क्योंकि ये सभी लोग यहां से फरार हो चूके है। ऐसा नही है कि जो लिस्ट तैयार की गई है उसमे कुछ लाभुक पंचायत में हैं भी, लेकिन उससे ज्यादा संख्या गलत लोगों की है। जब िपंचायत के मुखिया से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि सबलपुर के टेढ़ी पूल के पास एसबीआई का सीएसपी सेंटर से सभी लोगों का अकाउंट खोला गया और वहीं से ब्लॉक के कर्मचारियों और दलालों के द्वारा यह सारा गड़बड़ी की गई।अकाउंट खोलते समय सही से जाँच पड़ताल नहीं की गई, जिसके कारण पैसों का यह बड़ा घोटाला सामने आया है।हालांकि  पँचायत के मुखिया और पूर्व मुखिया ने कहा कि ।

कुछ ऐसे लोगो के नाम  हम इस रिपोर्ट में दे रहे है जो इस इंदिरा आबास की राशि का गबन गलत तरीके  किया है।।                            

    1.सुनील कुमार पिता जंगली साहनी जो कि पीएम आवास के सही लाभुक होना चाहिए था,लेकिन इनके जगह पर सुनील साहनी पिता सीताराम साहनी ने  राशि उठा ली। (2.)मनोज लहरी पिता लक्ष्मण लहरी, (3) सुखिया देवी पति रामकृपाल यादव इसके नाम पर रंजीत साव की माँ ने राशि उठा ली। (4)खुशबू देवी पति नरेश पासवान,  (5) अकली देवी पति हिरामन पासवान, (6)उषा देवी पति कैलाश पासवान,  (7) चन्द्रलोक कुमार पिता नंदलाल पासवान, (8) कांति देवी पति मदन साह,  (9) सुष्मिता कुमारी पति मनोज पासवान, (10) संजू देवी पति उमाकांत पासवान ।ऐसे ही करीब 80 लोगो के नाम पटना सदर के हाई लेबल रिपोर्ट मेंं है।

नाम के साथ नहीं है पता और अन्य जानकारी

 इस रिपोर्ट में वैसे भी लोगों के नाम शामिल है, जिन्होंने राशि तो उठा ली लेकिन उन लोगों घर द्वार, पिता, पति का नान ही लिस्ट में शो नही कर रहा है। इन लोगों ने पीएम आवास का लाभ उठा लिया लेकिन ये सभी पंचायत में खोजने से भी नही मिलेंगे। हालांकि पँचायत के मुखिया देव शर्मा ने बताया कि ब्लॉक के सुपरवाइज़र संध्या कुमारी, रिंकू कुमारी इंदिरा आवास सहायक और एक और शख्स जो को इन दोनों के लिए  काम करता है वो सब इस घोटाले को अंजाम दिए है। सवाल यह है कि क्या ऐसे कर्मचारियों पर कारवाई कब होगी, क्या जिन लोगों ने गलत तरीके से सरकारी राशि का लाभ उठाया है। वैसे लोगों पर मुकदमा कर उन राशियों की बरामदगी होगी यह देखने बाली बात होगी। हालांकि जिला प्रशासन को इस  मामले की गम्भीरता से  जांच करानी चाहिए और जो  लोग इस घोटाले में शामिल है उस पर F.I.R  कर उनसे पैसे की बरामदगी की जाए और उन्हें सजा दी जाए।

पटना सिटी से रजनीश की रिपोर्ट

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