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BIHAR POLITICS: जेडीयू के राजनीतिक दुश्मन चिराग पासवान को आरसीपी सिंह ने 'गले लगाया', कमिटी में दी जगह...

BIHAR POLITICS: जेडीयू के राजनीतिक दुश्मन चिराग पासवान को आरसीपी सिंह ने 'गले लगाया', कमिटी में दी जगह...

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच जिस तरह का ‘कोल्ड वॉर’ चल रहा है, उससे तो सभी वाकिफ ही हैं। गाहे-बगाहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जता ही देते हैं कि उनके मन में चिराग के प्रति किसी भी तरह की संवेदना नहीं है, और वह उनके साथ कभी नहीं आने वाले।

इसी बीच बात करेंगे केंद्र सरकार में मंत्री और जेडीयू के बड़े नेता आरसीपी सिंह की, जो इस वक्त अलग धुन में है। हालांकि वह जदयू का प्रतिनिधित्व करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं, मगर इसके बाद से ही उनके सुर जदयू के सुर से मेल नहीं खाते। इसके कुछ उदाहरण हमें हाल के दिनों में देखने को मिल चुके हैं। और अब, केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने कुछ कर दिया है, जो सीएम नीतीश कुमार को शायद ही गवारा हो...

चिराग पासवान को अपने साथ दी जगह

बता दें कि इस्पात मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति का पुनर्गठन किया गया है। जिसमें कई नए चेहरों को शामिल किया गया है। यहां चौंकाने वाली बात यह है कि इस सूची में लोजपा(R) के अध्यक्ष और सीएम के विरोधी चिराग पासवान का नाम भी शामिल हैं। यह अपने आप में हैरानी का विषय है कि आरसीपी सिंह ने कैसे चिराग पासवान को हिंदी सलाहकार समिति में जगह दी है। फिलहाल इस मुद्दे पर किसी की भी तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, मगर आगे जो कुछ भी होगा, वो देखने लायक होगा।

कौन-कौन हैं इस समिति में शामिल

इस्पात मंत्री हिंदी सलाहकार समिति के अध्यक्ष और इस्पात राज्य मंत्री उपाध्यक्ष हैं। इस बार चिराग पासवान समेत बिहार के 5 लोग समिति के सदस्य बनाए गए हैं। समिति में संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा लोकसभा से नामित सांसद संजय सिंह और सुनील कुमार सोनी जबकि राज्यसभा से दिनेश चंद्र विमल भाई अनावाडिया और नरेश गुजराल को सदस्य बनाया गया है। वहीं संसदीय राजभाषा समिति द्वारा नामित सांसद चिराग पासवान और दिनेश चंद्र यादव भी समिति के सदस्य होंगे। इसके अलावा इस्पात मंत्रालय द्वारा विधान पार्षद रामबचन राय पूर्व सांसद व रविंद्र रवि के पुत्र डॉ अमरदीप और रिंकू कुमारी को भी मंत्रालय के हिंदी सलाहकार समिति का सदस्य नामित किया गया है। केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद के प्रतिनिधि के तौर पर गोपाल कृष्णा और महेश बंसीधर अग्रवाल भी इसके सदस्य बने हैं।

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