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बिहार की लाइफ लाइन को मिली "लाइफ" : जाम के लिए बदनाम गांधी सेतु से हट जाएगा धब्बा, 7 जून के बाद समय पर पहुंचेगा दूल्हा

बिहार की लाइफ लाइन को मिली "लाइफ" : जाम के लिए बदनाम गांधी सेतु से हट जाएगा धब्बा, 7 जून के बाद समय पर पहुंचेगा दूल्हा

PATNA :  पिछले तीन दशक से गांधी सेतु के साथ यह छवि बन गई थी कि इस पार करने में घंटों लग जाएंगे। हर दिन ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती थी। लेकिन आगामी सात जून के बाद गांधी सेतु अपने पुराने धब्बे को पूरी तरह से मिटा देगी। इसके पूर्वी लेन पर निर्माण कार्य पूरा हो गया गया है। अब इसके बाद सात जून से आम लोगों के लिए शुरू किया जा रहा है। जिसके बाद गांधी सेतु पर दोनों तरफ से बिना जाम की समस्या के गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। 

 बिहार की लाइफ लाइन माने जानेवाले महात्मा गांधी सेतु के दोनों लेन पर 24 वर्षों बाद 7 जून से फिर से गाड़ियां दौड़ेंगी। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी ने उद्घाटन करने की सहमति दे दी है।

पूरे सेतु का बदल गया लुक

 नवम्बर 2016 में इस निर्माण एजेंसी को जर्जर गांधी सेतु के सिर्फ ऊपरी सतह (सुपर स्ट्रक्चर) को तोड़ने का वर्क ऑर्डर मिला था। तब 24 महीने में पश्चिमी और 18 महीने में पूर्वी यानि 42 महीने में दोनों लेन के सुपर स्ट्रक्चर बदलकर मार्च 2020 तक चालू करना था। लेकिन कोरोना के कारण काम प्रभावित हो गया। अब फिर से गांधी सेतु पर बड़े-बड़े मालवाहक वाहन दोड़ेंगे। अगले चार वर्षों तक एजेंसी सेतु का मेनटेनेंस भी करेगी। 

सिर्फ 87 करोड़ में हुआ था निर्माण

गांधी सेतु को बनाने में वर्ष 1982 में तब 87 करोड़ लगे थे, पर सिर्फ सुपर स्ट्रक्चर को बदलने पर 1382 करोड़ खर्च हुए है। हालांकि इस सेतु को चालू रखने के लिये लगातार मरम्मत पर भी 102 करोड़ खर्च किये गये हैं।

अब समय पर पहुंचेगी बारात

गांधी सेतु पर हर दिन लगनेवाले जाम का खामियाजा उन दूल्हो को भुगतना पड़ता था. जो शादी करने के लिए जा रहे होते हैं। कई बार ऐसा हुआ कि बारात तय मुहुर्त पर पहुंच ही नहीं पाई क्योंकि पुल के जाम में फंस गए थे। उम्मीद है कि अब ऐसी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।


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